भोपाल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आर्थिक प्रगति के हाईवे पर पूरी रफ्तार के साथ दौड़ रहा है। अधोसंरचना का काम रीढ़ की हड्डी की तरह होता है, जिस पर आर्थिक और समावेशी विकास की नीतियां आकार लेती है। प्रौद्योगिकी की ताकत को पहचानें और इसका सदुपयोग कर समाज हित के संकल्प को आगे बढ़ाएं, ताकि इस पीढ़ी के साथ आने वाली पीढ़ी भी लाभान्वित हो सके।
मुख्यमंत्री डॉ यादव गुरुवार को उज्जैन से भोपाल के एम्प्री में निर्माण उद्योग विकास परिषद द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंनें “अधोसंरचना निर्माण में नवाचारों का समावेश” विषय परआयोजित इस कॉन्फ्रेंस का उज्जैन से वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अवसर पर एम्प्री के संचालक डॉ. अवनीश श्रीवास्तव, कन्स्ट्रक्शन इंडस्ट्री डव्लपमेंट कॉन्सिल के महानिदेशक डॉ. पीआर स्वरूप, पूर्व डीजीपी एवं अध्यक्ष आईसीसी चैप्टर स्वराज पुरी, प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. पी. अशोकन तथा डॉ. मनीष मोद्गिल विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि अधोसंरचना के क्षेत्र में समावेशी विकास की गुंजाइश पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित होकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। कॉन्फ्रेंस में बुनियादी ढांचों, पर्यावरण, स्वास्थ्य, नवाचारों आदि संभावनाओं पर समग्र रूप से विचार किया जाए। नवीन प्रौद्योगिकी के युग में एक प्लेटफार्म पर निरंतर विचार विमर्श से ही समावेशी विकास के नए मार्ग मिलेंगे। प्रदेश और निर्माण की बेहतरी के लिए हर संभावनाओं को तलाश जाएं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के संकट से बचाव के लिए प्रभावी और लचीले बुनियादी ढांचों के निर्माण पर हमें जोर देना होगा। नई विधाएं अपनाकर निर्माण की गति भी बढ़ानी होगी। निर्माण के क्षेत्र में नवाचारों की अपार संभावनाएं हैं। निर्माण लागत और संसाधन को कम करने में भी सुधार की गुंजाइश हैं। आज पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री और निर्माण प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है। मौसम आधारित निर्माण पर भी समग्र रूप से विचार करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए सभी को अभिनंदन और बधाई दी। उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित शिक्षक दिवस पर आज हमें नई प्रेरणा मिलेगी। जैसा कि आप सभी जानते हैं भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा का विशेष महत्व हैं। इसी के दृष्टिगत मध्यप्रदेश सरकार ने गुरु पूर्णिमा का पर्व भी शासकीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। इस बात की प्रसन्नता भी है कि कुलपतियों का नाम परिवर्तित कर कुलगुरु किया गया है।
उन्होंने कहा कि अनुसंधानकर्ता वैज्ञानिक गुरु की भांति हैं। अनुसंधान और शोध के क्षेत्र में जनहित की भावना का संकल्प आदिकाल से ही हमारी परंपरा में रहा हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास उज्जैन के एनआईसी कक्ष में विधायक सतीश मालवीय, उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहे।