मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत शहर वृत्त के अधीक्षण अभियंता द्वारा मनमानीपूर्ण निर्णय लेते हुए लाइन परिचारक खुमानसिंह कुशवाहा को 55 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 31 जुलाई 2024 को सेवानिवृत्त कर दिया गया है, जबकि बिजली कंपनियों में सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों, निगमों और मंडलों में कार्यरत कार्मिकों की सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष है, इसकी घोषणा 2018 में तात्कालिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी।
उन्होंने कहा कि स्वयं को सरकार से ऊपर समझने वाले बिजली अधिकारी नियम-कायदों को धत्ता बताते हुए सरकारी आदेशों का माखौल उड़ा रहे हैं और मनमानी पर उतारू हैं। हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि सेवानिवृत्ति की आयु पूर्ण किए बिना किसी भी बिजली कर्मचारी को बिना कारण बताए मनमर्जी से सेवानिवृत्त कर देना सरासर अन्याय है।
तकनीकी कर्मचारी संघ के शशि उपाध्याय, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय, अमीन अंसारी, जगदीश मेहरा, संदीप दीपांकर, महेश पटेल, शालिग्राम, राम शंकर आदि ने पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि अधीक्षण अभियंता द्वारा जारी आदेश को निरस्त करते हुए लाइन परिचारक को पुनः है नौकरी पर रखा जावे।