अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे एवं जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि जिला कोषालय में रिटायर कर्मचारी को भी आपने बिलों के भुगतान के लिए अनेक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लोक निर्माण विभाग मुख्य अभियंता कार्यालय के रिटायर चपरासी के बिलों में 6 से 7 बार आपत्तियां लगाई गई हैं।
संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों का आरोप है कि आपत्तियों का निराकरण करने के पश्चात भी कोषालय में बैठे दलालों को पैसे न देने के कारण बिलों में आपत्तियां लगाई जा रही हैं। जिले के अनेक कार्यालयों के कर्मचारी भी आपत्तियों के नाम पर परेशान हो रहे हैं। आरोप लगाते हुए मोर्चा के पदाधिकारियों ने यह भी बताया है कि अनेक ऐसे प्रकरण हैं, जिन प्रकरणों में आवश्यकता है उनमें एक बार में ही आपत्तियां लगाई जाना चाहिए, लेकिन अलग-अलग आपत्तियां लगा कर देयकों को लटकाया जाता है।
वहीं यदि कर्मचारी कोषालय के इन दलालों से संपर्क करते हैं तो देयक पास हो जाते हैं, अन्यथा कर्मचारियों को महीनों कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। जबकि मध्यप्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश है कि सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों के समस्त स्वायत्तयों का भुगतान सेवानिवृत्त होने से पहले या सेवानिवृत्त के माह में ही कर दिया जाएं, लेकिन कोषालय में बैठे कर्मचारी विरोधी कार्य करने वाले शासन की छवि खराब कर रहे है, कोषालय के इन अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण रिटायर कर्मियों को परेशान होना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, मंसूर बेग, मध्यप्रदेश लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के यूएस करोसिया, संजय गुजराल, देव दोनेरिया, प्रशांत सोधिया, रविकांत दहायत, योगेश चौधरी, अजय दुबे, एसके वांदिल, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मरकाम, आसुतोष तिवारी, योगेंद्र मिश्रा, सतीश उपाध्याय, विनय नामदेव ने कोषालय अधिकारी द्वारा मनचाही आपत्ति लगाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की माँग करते हुए शासन के आदेशों का पालन कर कर्मचारियों के देयकों को पारित कर भुगतान करने की माँग की है। एक बार में ही समस्त आपत्तियों का निराकरण न करने की चाल की मोर्चा पदाधिकारियों ने निंदा करते हुए प्रदर्शन की चेतावनी दी है।