Friday, December 27, 2024
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एमपी के इंदौर, भोपाल, जबलपुर सहित 15 जिलों में होता है ड्रग्स का अधिक कारोबार

ड्रग्स एवं नशीली वस्तु का कारोबार करने वाले मानवता के दुश्मन हैं, इन्हें किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाना चाहिए। प्रदेश में ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके लिए विशेष अभियान चलाकर उनकी जड़ों पर प्रहार किया जाना चाहिए, उक्ताशय की बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के आला अधिकारियों की बैठक में कही।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस अभियान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि जहां एक और ड्रग्स और नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वालों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाए, वहीं नशा करने वाले बच्चों के प्रति सहानुभूति रखी जानी चाहिए तथा उन्हें स्नेह से नशे की लत छुड़ाने के प्रयास किए जाने चाहिएं, पुलिस उनके खिलाफ ज्यादती ना करे। नशा करने वालों की नशे की लत छुड़ाने तथा उनके पुनर्वास के लिए प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी पूरा सहयोग लिया जाए।

देश में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भारत सरकार द्वारा आगामी 15 दिसंबर से 22 दिसंबर तक नशा विरोधी विशेष अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि इस संबंध में प्रदेश में सघन अभियान चलाए जाकर नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वालों को नेस्तनाबूद कर दिया जाए।

भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा प्रदेश के 15 जिलों की सूची भिजवाई गई है जहां नशीली वस्तुओं का कारोबार अधिक पाया गया है। ये जिले हैं इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रतलाम, ग्वालियर, सतना, सागर, दतिया तथा रीवा। इसके अलावा विदिशा, पिपरिया, आगर-मालवा क्षेत्र भी संवेदनशील है। इन सभी क्षेत्रों में अधिक मामले सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इंदौर आदि जिलों में ड्रग माफियाओं के खिलाफ पुलिस द्वारा सराहनीय कार्रवाई की गई है। इंदौर की तथाकथित ‘ड्रग वाली आंटी’ के तार दिल्ली, गोवा, मुंबई तथा नाइजीरिया से भी जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट निर्देश दिए कि खोद-खोद कर ड्रग माफिया को समूल नष्ट करें।

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