भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे शुक्रवार को 57वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 17 अधिकारियों की टीम 37 श्रमिकों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और दोपहर 12 बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब छह घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे सर्वे के 57वें दिन भोजशाला में खुदाई के दौरान दो बड़े आकार के पाषाण (पत्थर) अवशेष मिले। इनके साथ कुछ छोटे अवशेष भी मिले हैं। दोनों बड़े पाषाण अवशेष में से प्रत्येक का वजन लगभग एक क्विंटल से अधिक होने का अनुमान है, जबकि छोटे अवशेषों का वजन अलग-अलग है। एएसआई ने इन पाषाण अवशेषों को सुरक्षित रख लिया है। बताया गया है कि इनके काल की गणना के लिए पाषाण अवशेषों का परीक्षण कराया जाएगा।
वहीं, सर्वे टीम द्वारा एक दिन पहले गुरुवार को गर्भगृह में यज्ञ कुंड के पास खुदाई में दिखीं दो दीवारों के इर्दगिर्द भी शुक्रवार को खुदाई कराई गई। इनकी नींव लगभग 15 फीट होने का अनुमान था, लेकिन इतनी गहराई की खुदाई में भी उनकी नींव नहीं मिल सकी। यहां नींव की गहराई जानने के लिए शनिवार को फिर से खुदाई कराई जाएगी। दक्षिण और पश्चिम के कोने में गुरुवार को जहां तलवार निकली थी, उस स्थान पर कुछ और होने की संभावना से शुक्रवार को खुदाई जारी रही। इसके साथ ही विशेष टीम ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की।
शुक्रवार को भोजशाला परिसर में जुमे की नमाज पढ़े जाने की वजह से एएसआई ने दोपहर 12 बजे तक ही सर्वे किया। दोपहर एक से तीन तक मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुमे की नमाज अदा की।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि एएसआइ सर्वे के दौरान कराई गई खुदाई में अब तक लगभग 400 बड़े अवशेष मिल चुके हैं। उनका दावा है कि इनमें से अधिकांश अवशेषों पर सनातन धर्म के चिह्न अंकित हैं, वहीं एक हजार से अधिक छोटे अवशेष भी मिले हैं, जिससे भोजशाला पर मुस्लिम आक्रांताओं की कहानी स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सर्वे आगे बढ़ता जा रहा है निश्चित तौर पर लग रहा कि सर्वे के जो परिणाम होंगे, वे हिंदू समाज के पक्ष में होंगे और भोजशाला पुनः हिंदू समाज को पूर्ण रूप से प्राप्त होगी।
अगले शुक्रवार काली पट्टी बांधकर विरोध करेगा मुस्लिम समाज
भोजशाला में शुक्रवार को नमाज अदा करने के बाद बाहर आकर मुस्लिम समाज के नेताओं ने सर्वे के नाम पर एएसआई द्वारा की जा रही खुदाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। जिस तरह भोजशाला में खुदाई की जा रही है, उससे मुस्लिम समाज वहां नमाज पढ़ने से वंचित हो रहा है। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए मुस्लिम समाज अगले शुक्रवार को काली पट्टी बांधेगा।
कमाल मौलाना मस्जिद नमाज इंतेजामात कमेटी के सदर जुल्फिकार पठान ने कहा कि चारों तरफ मस्जिद की ओर खुदाई चल रही है। ब्रसिंग के नाम पर मस्जिद के चारों तरफ खोदा जा रहा है। अभी भी हम मस्जिद के अंदर से निकले हैं। वहां आधा हिस्सा बचा है। इस कारण मुस्लिम समाज वहां नमाज पढ़ने से वंचित रहा। अगले शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर हम अपना विरोध दर्ज करेंगे। आठ दिन के अंदर यदि फिजिकल एग्जिबिशन किया जाए और मस्जिद को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाए।
उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में फिजिकल एग्जीबिशन से मना किया था। उस आदेश की लगातार अवहेलना की जा रही है। हम शासन प्रशासन से यह बोलना चाहते हैं कि जो फिजिकल एग्जिबिशन चल रहा है, उसे तुरंत बंद किया जाए।
वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की अवहेलना तो पहले से हो रही है। जो भी विरोध हो या प्रतिक्रिया हो, वह समाज की तरफ से है और समाज को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। वह अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं। लेकिन, कानून के दायरे में रहकर। काली पट्टी बांधना या काले कपड़े पहनना किसी तरह का कोई अपराध नहीं है। हमारे संविधान में ऐसा नियम नहीं है कि आप काली पट्टी नहीं बांध सकते। वह तो विरोध स्वरूप किया सकता है। हम पूरा सहयोग कर रहे हैं। समाज एकजुट और साथ है।