ग्रामीण विकास विभाग की रीढ़ की हड्डी कही जाने वाली सबसे अंतिम कड़ी ग्राम रोजगार सहायक प्रदेश के आह्वान पर विगत 53 दिनों हड़ताल पर हैं, जिससे प्रदेश की ग्राम पंचायतों में समस्त कार्य ठप पड़े हैं। ग्राम रोजगार सहायकों के हड़ताल पर नहीं रहने पर कभी ऐसा नही हुआ जब ग्राम रोजगार सहायकों ने किसी भी स्थिति में काम से इनकार किया हो, चाहे छुट्टी का दिन हो, तीज त्योहार हो ग्राम रोजगार सहायक सदैव कार्यस्थल पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाता रहा है।
विगत लगभग दो माह से प्राइवेट वेंडर एवं प्रशासन के समस्त अमले के द्वारा सिर्फ और सिर्फ लाडली बहना योजना का कार्य किया गया। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के शुरू होते ही ग्राम सचिवों ने कार्य करने में असमर्थता व्यक्त करते हुए सामूहिक छुट्टी पर जाने का निर्णय लिया। ग्राम रोजगार सहायकों की हड़ताल को कमजोर करने के कई प्रयास किये गए, परंतु ग्राम रोजगार सहायक अपने प्रदेश अध्यक्ष रितेश तिवारी के आह्वान पर उनके नेतृत्व में आर-पार की लड़ाई के मूड में है और बिना आदेश के वापिस नही आने की शपथ ले चुके हैं।
प्रदेश महासचिव जितेन्द्र पटेल देसी भैया ने बताया कि अगर सरकार सात दिन के अंदर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो अब आंदोलन तेज करते हुए राजधानी में भूख हड़ताल, अनशन, महिला ग्राम रोजगार सहायकों के द्वारा केश दान, मुंडन आदि के साथ सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा।