मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश के ऊर्जा विभाग एवं सभी बिजली कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि मध्यप्रदेश शासन के प्रावधान की भांति बिजली कंपनियों के अनुकंपा आश्रितों को तत्काल नियुक्ति प्रदान की जाए और यदि शैक्षणिक योग्यता पूर्ण नहीं है तो इसे पूरा करने के लिए तीन वर्ष का समय दिया जाए।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती बिजली कंपनियों के प्रबंधन द्वारा कंपनियों में लागू अनुकंपा नीति को बहुत दुरूह और विसंगतिपूर्ण बना दिया गया है, यूं तो ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनियों के प्रबंधन ने अनुकंपा नीति के बहुत से प्रावधान मध्यप्रदेश शासन की अनुकंपा नीति से लिए हैं, लेकिन अनुकंपा आश्रितों को तात्कालिक रूप से लाभ प्रदान करने वाले प्रावधान की घोर अनदेखी की गई है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली कंपनियों के प्रबंधन द्वारा अनुकंपा नीति में शैक्षणिक योग्यता पूर्ण करने के लिए तीन वर्ष की अवधि की छूट न देकर अनुकंपा नियुक्ति के उद्देश्य को असफल कर दिया गया है, अनुकंपा नियुक्ति देने का अर्थ है कि पीड़ित परिवार को तत्काल लंबे समय के लिए आर्थिक संबल प्रदान करना, ताकि मृत कर्मी के परिजनों का पालन-पोषण उचित तरीके से हो सके, लेकिन बिजली कंपनी शैक्षणिक योग्यता पूर्ण करने के लिए तीन वर्ष की अवधि की छूट न देकर पीड़ितों को और पीड़ित कर रही है और उनका दुख काम करने की बजाए उसमें वृद्धि कर रही है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की अनुकंपा नीति में प्रावधान है कि पहले अनुकंपा नियुक्ति दी जाए, फिर बाद में अगर शैक्षणिक योग्यता पूर्ण नहीं है तो सीपीसीटी अथवा आईटीआई आदि करने के लिए 3 वर्ष का समय दिया जाये, लेकिन शासन का उपक्रम होने के बावजूद बिजली कंपनियों का प्रबंधन मनमानी करते हुए अनुकंपा आश्रितों के साथ भेदभाव कर रहा है।
संघ के केएन लोखंडे, शशि उपाध्याय, राम शंकर कटारिया, ख्याली राम, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लाखन सिंह राजपूत, पीएम मिश्रा, संदीप यादव, अमीन अंसारी, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, किशोर भोंडेकर, संदीप दीपंकर, आजाद सकवार, जगदीश मेहरा, विनोद दास, राहुल दुबे, जेपी त्रिपाठी, मदन पटेल आदि ने ऊर्जा विभाग से मांग की है कि जैसी अनुकंपा नीति मध्यप्रदेश शासन द्वारा सभी सरकारी विभागों के लिए लागू की गई है, वैसी ही बिना शर्त वाली अनुकंपा नीति बिजली कंपनियों में भी लागू कर अनुकंपा आश्रितों को राहत दी जाए।