मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों की ओर से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुये नियामक आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 के लिए फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) की नई दर 7 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित कर दी है।
एफसीए की दर में वृद्धि किये जाने के बाद विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली का झटका लगना तय है। उपभोक्ता द्वारा जनवरी में की गई विद्युत खपत के आधार पर आने वाले बिजली बिल में वृद्धि हो जायेगी, जिससे उपभोक्ता बिजली बिल बढ़कर आयेगा और उसे 100 यूनिट बिजली की खपत पर 7 रुपये अतिरिक्त चुकाना होगा।
वहीं चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में नियामक आयोग द्वारा एफसीए की दर माइनस (-) 7 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित की गई थी, जिससे उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली की खपत पर 7 रुपये की छूट मिल रही थी, जबकि अब उपभोक्ताओं को 7 रुपये अतिरिक्त देना होगा।
उल्लेखनीय है कि मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी विद्युत उत्पादन की लागत में वृद्धि होने पर विद्युत नियामक आयोग के समक्ष एफसीए की दर में वृद्धि करने का प्रस्ताव पेश करती है। विद्युत उत्पादन की लागत कोयले की कीमत, विद्युत उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले स्पेशल ऑइल, परिवहन की लागत और तकनीकी हानि को आधार बनाकर हर तिमाही में रिवाइज की जाती है।