Monday, November 25, 2024
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बिजली संविदा कर्मियों को पहुंचाई जा रही आर्थिक हानि, ऊर्जा मंत्री एवं एसीएस से हस्तक्षेप की मांग

मध्यप्रदेश शासन की मंशानुसार ऊर्जा विभाग द्वारा तकनीकी कर्मचारियों की बेहद कमी के चलते बिजली संविदा कर्मियों के लिए विभागीय संविदा पॉलिसी (नियम एवं सेवा की शर्तें)-2016 लागू कर उसमें यथासमय आवश्यकतानुसार संशोधन करते हुए संविदा पॉलिसी 2018 लागू की गई थी, जिसमें संविदा कर्मचारियों को प्रतिवर्ष जनवरी माह में घोषित महंगाई भत्ता दिए जाने का प्रावधान किया गया था, परंतु भाजपानीत सरकार के निवर्तमान मुख्यमंत्री एवं वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संविदा कर्मचारियों के बेहतर भविष्य एवं सेवाओं में समानता को दृष्टिगत रखते हुए समान हितलाभ तय करने हेतु की गई घोषणा के तहत शासन के सभी विभागों के लिए संविदा पॉलिसी-2023 लागू की गई परंतु यह घोषणा बिजली संविदा कर्मचारियों के लिए गंभीर आर्थिक नुकसान का कारण बनती नजर आ रही है, जिससे बिजली संविदा कर्मियों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता ही जा रहा है।

मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बिजली संविदा कर्मचारियों के बेहतर भविष्य प्रदान करने की राह में विभागीय जिम्मेदारों की मंशा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कतिपय विभागीय जिम्मेदारों द्वारा संविदा पॉलिसी-2023 की आड़ में बिजली संविदा कर्मचारियों को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा विद्युत विभाग ऐसा जोखिमपूर्ण विभाग है, जिसमें हमारे तकनीकी संविदा बिजली कर्मी प्रतिपल खतरों के बीच कार्य करते हैं।

फलस्वरूप बढ़ते बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर, उपभोक्ता संख्या, अतिकार्य के दबाव तथा लाइन कर्मचारियों के सतत घटने के कारण दुर्घटनाओं का ग्राफ निरंतर बढ़ता चला ही जा रहा है। जिसे दृष्टिगत रखते हुए ऊर्जा विभाग ने विभागीय स्तर पर सर्वप्रथम संविदा नीति-2016 (नियम एवं सेवा की शर्तें) लागू कर कर्मचारी हित में अपने विभागीय संविदा कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने का उल्लेखनीय कार्य किया एवं वर्ष 2018 में उक्त विभागीय पॉलिसी को संशोधित कर उनके आर्थिक संरक्षण का भी प्रयास किया, परंतु राज्य शासन द्वारा जारी संविदा पॉलिसी-2023 लागू होने के पश्चात बिजली संविदा कर्मचारियों में आर्थिक नुकसान होने की आशंका बढ़ती जा रही है।

बिजली संविदा कर्मचारियों को अपेक्षा थी कि ऊर्जा विभाग, संविदा पॉलिसी (नियम एवं सेवा की शर्तें)-2018 में लागू नीतियों में संविदा पॉलिसी 2023 के बिंदु क्रमांक 11 के तहत निगम/मंडलों को विभागीय स्तर पर संशोधन कर लागू करने की छूट के निर्देशानुसार अपने विभागीय स्तर पर यथावश्यक संशोधन करते हुए उक्त नीति के अतिरिक्त एवं बेहतर बिंदुओं को शामिल कर बेहतर और आकर्षक संविदा नीति का निर्माण कर कर्मचारियों के बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा, परंतु विभागीय जिम्मेदारों द्वारा इसके उलट जाकर हूबहू राज्य शासन के विभागों की बहुप्रतीक्षित नवीन संविदा पॉलिसी-2023 स्वीकार कर उनके आर्थिक नुकसान एवं अनैतिक शोषण का मार्ग प्रशस्त किए जाने का प्रयास किया जा रहा है जो बेहद निंदनीय है।

प्रदीप कुमार द्विवेदी ने विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के हवाले से ऊर्जा विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को संविदा पॉलिसी (नियम एवं सेवा की शर्तें)-2018 के प्रावधानित महंगाई भत्ते एवं वार्षिक वेतन वृद्धि को नियमित कर्मचारियों के समान प्रावधानित करने एवं राज्य शासन द्वारा जारी संविदा पॉलिसी-2023 में उल्लेखित अतिरिक्त बेहतर प्रावधानों को शामिल करते हुए, नवीन विभागीय संविदा पॉलिसी-2023 का निर्माण कर बिजली संविदा कर्मियों के लिए लागू किए जाने हेतु प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को त्वरित हस्तक्षेप कर उचित संशोधन करने की मांग की है।

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