मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों ने उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की तैयारी कर ली है। प्रदेश की पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 1 दिसंबर को मप्र विद्युत नियामक आयोग के समक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की दर 8.71 % बढाए जाने की याचिका पेश की थी, जिसे नियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है।
विद्युत कंपनियों की टैरिफ याचिका स्वीकार करने के बाद अब नियामक आयोग विद्युत मूल्य वृद्धि पर उपभोक्ताओं से आपत्तियां आमंत्रित करेगा और तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के मुख्यालयों में जन सुनवाई आयोजित कर उन्हें सुनेगा। इसके बाद नियामक आयोग बिजली की दरों को बढ़ाने का निर्णय लेगा।
ये तय है कि अगर विद्युत वितरण कंपनियों की याचिका में मांगी गई दरों के अनुसार दरें बढ़ाई गई तो एक बार बार उपभोक्ताओं को झटका लगेगा। विद्युत सूत्रों के मुताबिक तीनों बिजली वितरण कंपनियों की ओर से प्रस्तुत याचिका में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कुल 48 हजार 874 करोड़ रुपए की राजस्व आवश्यकता बताई गई है। इसकी भरपाई के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी करना होगी।
जानकारी के अनुसार विद्युत कंपनियों की ओर से नियामक आयोग के समक्ष टैरिफ याचिका 1 दिसंबर को प्रस्तुत कर दी गई थी। जिस पर 14 को तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से पावर मैनेजमेंट कंपनी के साथ प्रारंभिक सुनवाई की गई, इस दौरान पावर मैनेजमेंट कंपनी ने याचिका के पक्ष में जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिसके बाद 15 दिसंबर को नियामक आयोग ने टैरिफ याचिका स्वीकार कर ली है।