Saturday, December 28, 2024
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तनाव में जीवन का अंत कर रहे बिजली कर्मी, अधिकारियों की मनमानी को प्रबंधन की मौन स्वीकृति

बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या एवं फैलते और विकसित होते विद्युत तंत्र को संभालने के लिए पर्याप्त संख्या में आवश्यक जमीनी लाइन कर्मचारियों की कमी के चलते सभी श्रेणी के लाइन कर्मचारियों पर मैदानी अधिकारियों द्वारा कार्य का अत्याधिक बोझ लादने, शिफ्ट की समयसीमा से ज्यादा ड्यूटी कराने, निजी कार्य कराने के साथ ही मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के कारण लाइन कर्मचारी अब आत्महत्या की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने लाइन कर्मियों का शोषण करने के साथ ही ठेकेदारों एवं मैदानी अधिकारियों द्वारा आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित लाइन कर्मियों का बेवजह प्रताड़ित किया जाता है। श्रम और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर, नीति और नियमों की अवहेलन करते हुए ठेकेदार एवं मैदानी अधिकारी लाइन कर्मियों का शोषण कर रहे हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मैदानी अधिकारी इस कदर बेलगाम हो चुके हैं कि वे सरकार और कंपनी प्रबंधन के आदेशों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं, इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है, मानों अधिकारियों की मनमानी को प्रबंधन ने भी मौन स्वीकृति दे रखी है, तभी तो आज तक किसी अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं हुई, अपितु दुर्घटनाओं और लाइन कर्मियों की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने का भरसक प्रयास किया जाता है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जूनियर इंजीनियर रामकृपाल मिश्रा के द्वारा आउटसोर्स कमी अंकित यादव को इतना ज्यादा प्रताड़ित किया कि उसके द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि इसके अलावा आउटसोर्स मीटर रीडर विनोद कुमार यादव को राजगढ़ सर्कल के नरसिंहगढ़ डिवीजन की डीसी में पदस्थ सुपरवाइजर धर्मेंद्र सिंह ठाकुर लगातार तीन माह से प्रताड़ित कर रहा है। उसने भी आत्महत्या करने की बात पत्र में कही है।

वहीं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत एक अन्य मामले में रविंद्र द्विवेदी कटरा डीसी रीवा में पदस्थ है, ने एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि जूनियर इंजीनियर अच्छे लाल पटेल 24 घंटे कर्मचारियों को लगातार परेशान करता है। उसने भी पत्र में आत्महत्या करने की बात की है।

संघ के मोहन दुबे, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, केएन लोखंडे, एसके मौर्य, दशरथ शर्मा, शशि उपाध्याय, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, पवन यादव, विपतलाल विश्वकर्मा, राहुल दुबे, अमीन अंसारी, विनोद दास आदि ने सरकार और ऊर्जा विभाग से मांग की है कि आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों को मैदानी अधिकारियों द्वारा लगातार मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे लाइन कर्मचारियों के द्वारा आत्मघाती कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसी घटनाओं से मैदानी लाइन कर्मचारियों में खासा आक्रोश है, बिजली कंपनी प्रबंधन के द्वारा इस पर रोक नहीं लगाई गई तो संघ के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में तीव्र आंदोलन किया जाएगा।

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