मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों सहित सभी विद्युत कंपनियों के कर्मचारी, जिनकी सैलरी 21,000 रुपये मासिक से कम है, वे दीपावली पर मिलने वाले बोनस की राह देख रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी भी विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंधन ने अपने कर्मियों की सुध नहीं ली है।
विद्युत कंपनियों के प्रबंधन की असंवेदनशीलता के चलते प्रदेश के हजारों विद्युत कर्मी खुशियों के त्यौहार पर खुशी से वंचित हैं, जिससे उनमें आक्रोश उपज रहा है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश की सिर्फ एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने अपने कर्मियों को बोनस देने की आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि दीवाली के पहले अनिवार्य रूप से बोनस दे दिया जाए।
वहीं अभी तक अन्य किसी भी विद्युत कंपनी के प्रबंधन ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया हैं। जबकि पांच दिवसीय दीपावली के त्यौहार का आज से आरंभ हो चुका है। आज धनतेरस होने के कारण विद्युत कर्मी खरीदारी के लिए बोनस की राह देख रहे हैं। लेकिन अभी तक बोनस नहीं मिलने से विद्युत कर्मचारी मन मसोसकर रह गए हैं।
मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि हिंदुओं के सबसे बड़े त्यौहार दीवाली पर साल में एक बार मिलने वाले बोनस को देने के लिए विद्युत कंपनी प्रबंधन हर बार आनाकानी करता है।
उन्होंने बताया कि इस बार भी पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के अलावा किसी भी विद्युत कंपनी ने बोनस भुगतान के आदेश जारी नहीं किए हैं। इससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ ने 15 दिन पूर्व ही पत्र लिखकर विद्युत कर्मियों के लिए बोनस की मांग की थी, लेकिन विद्युत कंपनियों के प्रबंधनों की अभी भी नींद ही नहीं खुली।