मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सभी बिजली कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए अनेक वर्षों से प्रयास कर रहे हैं।
जिसके लिए संघ ने अपने अथक प्रयासों से 2013 जनसंकल्प पत्र में संविदा नियमतीकरण को शामिल करवाकर केवल बिजली सेवा कर्मचारी ही नहीं, बल्कि प्रदेश के प्रत्येक विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के लिए संजीवनी दी है। किन्तु वितरण कम्पनियों में वर्तमान में संविदा सेवा तथा अनुबंध की शर्ते संशोधित नियम 2018 लागू है।
जिसमें वेतन से लेकर अनेक सेवा शर्तों में विसंगतियां हैं, जिसको लेकर भी संशोधन हेतु संघ द्वारा प्रयास किए जा रहे है। इन नियमों में संशोधन के दिशा-निर्देश ऊर्जा विभाग द्वारा मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंधन को 4 सितंबर 2020 को पत्र जारी कर दिए गए हैं।
जिस पर संघ ने खुशी जाहिर की है और कम्पनी प्रबंधन से मांग की है कि इन नियमों में संशोधन कर अतिशीघ्र आदेश जारी करें। जिन 25 बिन्दुओं पर ऊर्जा विभाग द्वारा संशोधन के दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं, वो बिंदु इस प्रकार से हैं-
- समस्त कम्पनियों में एक समान वेतन एवं एक समान लाभ दिया जाए,
- नियमित कर्मचारियों की तरह वर्ष में 2 बार महंगाई भत्ता दिया जाए,
- नियमित कर्मचारियों की तरह वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए,
- हर तीन वर्ष में होने वाले अनुबंध को समाप्त कर एक ही अनुबंध को 62 वर्ष तक किए जावे,
- बन्द की गई पेंशन योजना फिर शुरू की जाए,
- कर्मियों का 20 लाख का बीमा किया जाए,
- सीधी भर्ती में आरक्षण ना दे कर सीधे विभागी पदों पर नियमतीकरण किया जाए,
- संविदा कर्मी की पदोन्नति का प्रावधान बनाया जाए,
- आईटीआई पास कर्मी को चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी में पदोन्नतकिया जाए,
- सभी कम्पनियों में एक समान बोनस प्रदान किया जाए,
- संविदा कर्मी को भी अनुकंपा नियुक्ति, बिजली छूट, एक्स्ट्रा वेजेस, रात्रिकालीन भत्ता, जोखिम भत्ता आदि दिया जाए,
- कैशलेस की सुविधा दी जाए आदि।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, रमेश रजक, केएन लोखंडे, एसके मौर्या, जेके कोष्टा, मोहन दुबे, अरुण मालवीय, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, शशि उपाध्याय, टी डेविड, इंद्रपाल, संजय वर्मा, महेंद्र पटेल, मदन पटेल, दशरथ शर्मा, खयाली राम आदि ने मांग की है कि इन संशोधनों का यथाशीघ्र लागू किया जाए।