मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय बताया है। उन्होंने ट्रस्ट की अनियमितताओं के संबंध में ईओडब्ल्यू को जांच के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही राजस्व विभाग में पृथक समिति गठित की जाएगी जो इन परिसंपत्तियों के संबंध में, भूमि से संबंधित रखरखाव और निगरानी करेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि हर स्थिति में संपत्ति वापस लेकर आवश्यक कार्रवाई संपादित करनी है।
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी, विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी मकरंद देऊसकर और महानिदेशक ईओडब्ल्यू राजीव टंडन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने खासगी ट्रस्ट के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्णय आने के बाद मंगलवार को मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि खासगी ट्रस्ट की जो संपत्ति बेची गई है, उन पर अवैध निर्माण हुआ है और खुर्दबुर्द करने के आरोप लगे हैं। इसकी जांच अब ईओडब्ल्यू करेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ट्रस्ट की संपत्ति जिन व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से बेची गई है उन पर राज्य सरकार कार्यवाही करेगी। कानूनी लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ट्रस्ट की संपत्तियों को वापस लेने का हर संभव प्रयास सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों पर जो निर्माण हुआ है, उन्हें हटा कर उनकी मूल स्थिति में पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने तत्काल कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि ट्रस्ट की संपत्तियों को वापस लेने के लिए स्पेशल पुलिस स्क्वाड, रिवेन्यू की एक टीम का गठन किया जाए।
उल्लेखनीय है कि खासगी ट्रस्ट की 246 संपत्तियां हैं जिसमें 138 मंदिर, 18 धर्मशालाएं, 34 घाट, 12 छतरियां, 24 बगीचे एवं कुंड आदि शामिल हैं। यह संपत्तियां देश-प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हैं।