मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योग लगवाने के साथ-साथ उन्हें आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास करें। उद्योगों को आत्मनिर्भर और लाभकारी बनाए। इसके कार्य के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय बनाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की गतिविधियों और कार्ययोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बुंदेलखंड और बघेलखंड जैसे क्षेत्रों के औद्योगिक विकास के लिए स्थानीय सुविधा अनुसार कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए आकर्षित करने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय स्तर पर होने वाली उपज जैसे दूध, सोयाबीन, हर्बल और लघु वनोपज आदि की उपलब्धता अनुसार स्थानीय स्तर पर छोटी-छोटी यूनिट लगवाने का अभियान चलाए। जिले में स्थानीय उद्योगपतियों को नए उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन की नीति बनाएं। नये उभरते उद्यमों (सनराईज इंडस्ट्री) के लिये क्षेत्रवार अलग से नीति बनायी जाये।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भविष्य की दृष्टि से नए रेलवे ट्रैक और जल मार्ग के जरिए नए क्षेत्रों में उद्योग की स्थापना की योजना बनाए। मशीन आधारित उद्योगों के साथ रोजगार आधारित उद्योग स्थापित कराएं। प्रदेश के भविष्य की संभावनाओं और उद्योगों की आवश्यकता अनुसार नीतियां बनाए। उद्योगों को सब्सिडी समय पर देना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अन्य संभागों में एमपीआईडीसी के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने के लिए निर्देश जारी किये। उज्जैन में भी एमपीआईडीसी का नया कार्यालय खोला जाएगा। इससे उज्जैन, नीमच, रतलाम सहित अन्य जिलों में औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को विभागीय संरचना, इंडस्ट्रियल ईको सिस्टम, औद्योगिक क्षेत्र भूमि वितरण, उद्योग संवर्धन नीति 2014 और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर एवं एक्सप्रेस वे सहित विभिन्न कार्यों का प्रेजेंटेशन दिया गया। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी नवनीत मोहन कोठारी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।