योजनाओं और घोषणाओं की अनदेखी कर उच्च पद पर बैठे अधिकारी किस तरह सरकार की साख पर बट्टा लगाते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं बिजली विभाग के अधिकारी। मध्य प्रदेश सरकार ने 17 मार्च 2023 से मुख्यमंत्री अनुदान ट्रांसफार्मर योजना फिर प्रारंभ कर दी है, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी इसका लाभ किसानों को नहीं दे रहे हैं। विभाग के अधिकारी किसानों को योजना का आर्डर जारी न होने की जानकारी देकर भगा रहे है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार द्वारा इस योजना को बंद कर दिया गया था। हालांकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री ने इस योजना को पुनः चालू करने की घोषणा की है। लेकिन घोषणा के चार माह बीतने के पश्चात भी इस योजना का लाभ न मिलने से किसान परेशान हैं। मुख्यमंत्री अनुदान ट्रांसफर योजना के अंतर्गत मिलने वाले कनेक्शन से हजारों किसानों को अपने खेतों में बिजली का कनेक्शन लेने में भारी सुविधा होगी, इससे किसान को प्रति हॉर्स पावर ₹ 7000 के हिसाब से ₹35000 बिजली विभाग को देना पड़ेंगे। शेष राशि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार के द्वारा बिजली विभाग को भुगतान किया जाएगा।
इस योजना से किसानों के खेतों में स्वयं का ट्रांसफार्मर चार खंभों के साथ लगाया जाना है। प्रदेश का हजारों किसान इस योजना के लाभ के लिए बिजली विभाग के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। मध्य प्रदेश किसान मोर्चा के एडवोकेट विवेक शुक्ला, बिनित पटेल, बैजनाथ यादव, अन्नू पटेल, राजकुमार पटेल, राहुल यादव, उमेश यादव, राजू पटेल, परसोत्तम उपाध्याय, गुड्डू पटेल, हरिओम चौकसे ने प्रदेश शासन की मुख्यमंत्री अनुदान ट्रांसफार्मर योजना का लाभ समस्त किसानों को दिए जाने की मांग की है। इसके साथ ही योजना को पुनः प्रारंभ करने पर किसान संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को हार्दिक धन्यवाद प्रेषित किया है।