मध्य प्रदेश के जबलपुर में मंगलवार को हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से खरीदी केंद्रों के बाहर व खेतों में रखी किसानों की धान पूर्ण रूप से खराब हो गई। खरीदी की धीमी रफ्तार और प्रशासन के लचर रवैये का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
किसानों को चिंता है कि वैसे ही मॉइस्चर 17 से ऊपर बता कर उसकी धान को रिजेक्ट किया जा रहा था। अब तो वह और गीली हो गई, तो अब और कैसे उसकी खरीद की जाएगी। खरीदी केंद्रों में प्रशासन की ओर से त्रिपाल व पानी से सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम न होने से किसानों में रोष है।
इसके अलावा जबलपुर जिले में कई जगह हुई ओलावृष्टि से दलहनी फसलों व मटर की फसल के भारी नुकसान होने से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। जिसकी भरपाई असंभव दिखती है। भारत कृषक समाज महाकौशल के अध्यक्ष केके अग्रवाल ने शासन और प्रशासन को मेल से भेजे गए पत्र में जिले की भयावह स्थिति से अवगत कराते हुए, शीघ्र ही किसानों को मदद की गुहार लगाई है।
वहीं भारत कृषक समाज और युवा किसानों की संस्था किसान सेवा सेना के कृषक सेवकों ने खरीद केंद्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेते हुए बताया है कि यद्यपि किसान किसी तरह अपने अपने उत्पाद को बचाने में जी जान से लगे हुए हैं, पर बचाना संभव नही हो पा रहा है। प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग व मदद नही की जा रही है।