Tuesday, November 26, 2024
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बीज, खाद, बिजली और पानी के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे किसान

इस वर्ष किसानों के बजट में केवल 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि खेती की लागत में 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हो गई है। इस वर्ष बजट में खाद और अन्य आदान सामग्री की उपलब्धता एवं किसान की उपज खरीद के लिए बजट में कटौती तथा सब्सिडी की राशि घटाए जाने से किसानों की परेशानी और बढ़ेंगी।

विडंबना है कि विगत वर्ष किसानों के बजट मे किये गये प्रावधानों और आवंटित राशि की 40 प्रतिशत राशि लैप्स हो गई, सरकार खेतों में खर्च ही नहीं कर पाई और किये गये प्रावधनों के लाभ से भी किसान वंचित रह गये।

सरकार के हर विभाग में बजट का रोना रोया जाता है। नहरों की मरम्मत इसलिये नहीं होती  क्योंकि उनके पास राशि नहीं है। बिजली के ट्रांसफार्मर समय पर नहीं  बदले जाते, लाइनों की मरम्मत नहीं होती, क्योंकि धन की कमी है। किसान को कृषि के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलती क्योंकि इस हेतु प्रावधान ही इतना है। किसान की उपज भी उतनी ही खरीदी जाती है, जितनी राशि का प्रावधान है। खाद, बीज के लिए किसान जद्दोजहद करता है, क्योंकि धन के आभाव में उपलब्धता अपर्याप्त है।

पर्याप्त बजट के अभाव में किसान की बेहतरी की कल्पना कैसे की जा सकती है? ये समझ के परे है। इसी मुद्दे को लेकर गोलबाजार, जबलपुर स्थित किसान कार्यालय में जिले के किसान प्रतिनिधियों की एक बैठक भारत कृषक समाज के जिला अध्यक्ष जेआर गायकवाड़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमे सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया की केंद्र एवं प्रांत सरकार से बजट में बढ़ोतरी की न केवल अपील की जाए, वरन दवाब बनाने के हर संभव प्रयास किये जाएँ।

भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय उपाअध्यक्ष केके अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्णयानुसार सांसदों, विधायकों एवं जनप्रतिंधियों से मिलकर, ज्ञापन सौंपते हुए उनसे सरकार पर इस हेतु दवाब बनाने का आग्रह किया जायेगा, साथ ही सरकार तक आवाज पहुँचाने, किसानों को जागरूक कर, आवाज़ तेज करने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने आगे बताया की आगामी 28 अगस्त 2024 को दिल्ली मे आयोजित होने वाली देश के किसान प्रतिनिधियों की बैठक मे सरकार पर इस हेतु दवाब बनाने के लिए देशव्यापी अभियान चलाये जाने की रणनीति पर विचार कर निर्णय लिया जायेगा।

बैठक मे विशेष रूप से सुभाष चंद्रा, प्रमोद मरवाहा, रामकिशन पटेल, डॉ प्रकाश दुबे, अविनाश राय, अनिल चिले, घनश्याम सिंह, केडी अर्जरिया, विजयकान्ति, जितेंद्र देसी, टीका राम पटेल, पंकज सिंघई , बीबी पटेल, राजनीश दुबे, अनिल यादव, शैलू पटेल, जुगल किशोर, महेन्द्र कुर्मी, हीरालाल बर्मन, गोविंद पुरोहित, जीतेन्द्र ओसवाल, प्रकाश बर्मन, अजय अग्रवाल, रौनक श्रीवास्तव, साहित्य यादव, सुरेश पुरोहित, सुबीर जैन आदि जिले के कृषक प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक का संचालन सचिव रूपेंद्र पटेल ने किया।

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