मध्य प्रदेश में विद्युत कर्मियों से अभद्रता और मारपीट की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। नियमित मैदानी तकनीकी कर्मचारियों की बेतहाशा कमी के चलते गुणवत्तापूर्ण उपभोक्ता सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
यहाँ उल्लेखनीय है कि विद्युत कंपनियों के प्रबंधन द्वारा मैदानी कर्मचारियों की नई भर्ती पर रोक लगाने से लाइन कर्मियों की खासी कमी हो गई है। जिसके कारण उपभोक्ता सेवायें प्रभावित हो रही है और विद्युत कंपनियों की गलतियों के कारण मैदानी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उपभोक्ताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जबलपुर ग्रामीण सर्किल के पाटन संभाग के बोरिया वितरण केंद्र में पदस्थ संविदा कर्मी लाइन परिचालक रामशरण विश्वकर्मा को जूनियर इंजीनियर के द्वारा बताया गया कि ग्राम भेदोला में 11 केवी लाइन फाल्ट हो गई है। इसके बाद उसे सुधारने का काम संविदा कर्मी को सौंप दिया।
उन्होंने बताया कि 8 जुलाई को शाम लगभग 6 बजे रामशरण विश्वकर्मा 11 केवी लाइन पर सुधार कार्य कर रहा था। उसी दौरान उपभोक्ता रत्नेश राजपूत एवं विपिन राजपूत के द्वारा विद्युत कर्मी की डिस्चार्ज रॉड से हमला कर रामशरण विश्वकर्मा के हाथ, पैर, घुटना, पीठ आदि अंगों पर गंभीर चोट पहुंचाई गई एवं सरकारी कार्य में बाधा डाली।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जीके कोस्टा, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, संजय वर्मा, महेश पटेल, शशि उपाध्याय, मदन पटेल, रामशंकर, ख्यालीराम, टी डेविड, राजेश यादव आदि ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि विद्युत कर्मी पर प्राणघातक हमला करने एवं सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वाले आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।