बड़े और नामचीन कलाकारों के नाम पर जनता से धोखाधड़ी कर टिकिट के रूप में लाखों रूपये की राशि वसूलने वाले घाट फेस्टिवल के आयोजकों के विरूद्ध जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। घाट फेस्टिवल में शुक्रवार के कार्यक्रम में तय कलाकारों के नहीं पहुंचने पर दर्शकों में आक्रोश फैल गया था। आयोजकों से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आक्रोशित जनता द्वारा तोड़फोड़ कर दी गई थी और कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई थी, जिस पर प्रशासन और पुलिस द्वारा मुश्किल से काबू पाया जा सका था।
घाट फेस्टिवल के आयोजकों राहुल मिश्रा, आदित्य श्रीवास्तव एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर अतिरिक्त तहसीलदार गोरखपुर श्रीमती रश्मि चौधरी ने आज शनिवार की शाम भेड़ाघाट थाने में दर्ज कराई है। एफआईआर में आयोजकों के विरूद्ध जिले की छवि खराब करने का भी आरोप लगाया गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4), 316(5), 338, 336, 340, 192 और 3(5) के तहत अपराध कायम कर एक आरोपी राहुल मिश्रा को गिरफ्तार भी कर लिया है।
ज्ञात हो कि मेसर्स सिनेक्राफ्ट इंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित घाट फेस्टिवल के कल शुक्रवार 23 जनवरी के आयोजन में शाम 6 बजे से सुनील ग्रोवर, पीयूष मिश्रा जैसे ख्यातिलब्ध कलाकारों का कार्यक्रम सुनिश्चित था। इस कार्यक्रम में लगभग डेढ़ हजार से दो हजार लोग लम्हेटाघाट स्थित एम्बियंस लॉन में उपस्थित थे। लेकिन रात 8.30 बजे तक किसी भी कलाकार के न आने के कारण दर्शकों में आक्रोश की स्थिति बनी और इन कलाकारों के न आने के कारण की पूछताछ करने पर आयोजकों से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उग्र होकर तोड़फोड़ की गई। जिससे वहां कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई थी।
कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा अनुविभागीय दंडाधिकारी गोरखपुर से घटना की जांच कराने पर पाया गया कि आयोजक संस्था द्वारा जिन कलाकारों के नाम पर जनता से लाखो रूपयों की राशि ली गई थी, संस्था द्वारा उन कलाकारों को फीस का भुगतान नहीं किया गया और इस कारण वे कलाकार कार्यक्रम स्थल पर नहीं आये।
इसके साथ ही आयोजक संस्था द्वारा लाईट, साउंड जैसे अन्य वेंडरों को भी अनुबंध अनुसार राशि का भुगतान नहीं किया गया। इस वजह से इन वेंडरों द्वारा भी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया गया। जबकि इस संस्था द्वारा घाट फेस्टिवल में आने वाले कलाकारों के नाम पर कार्यक्रम की टिकिट ऑनलाईन प्लेटफार्म बुक माय शो एवं काउंटर के माध्यम से व्हीआईपी लाउंज, सिटिंग, व्हीआईपी स्टेंडिंग और जनरल स्टेंडिंग के लिए प्रतिव्यक्ति लगभग 600 रुपये से 3 हजार 500 रुपये के मान से आमजनों से टिकिट बुक कराये गये। जांच में स्पष्ट हुआ कि आयोजकों द्वारा अवैध लाभ कमाने और व्यापारिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए फर्जी तरीके से टिकिट की राशि प्राप्त की गई और जनता से प्राप्त टिकिट की राशि का गबन करके धोखधड़ी की गई।