जबलपुर (हि.स.)। निराहार महाव्रत साधना लगभग 1100 दिनों से भी अधिक समय से कर रहे संत दादा गुरू ओंमकारेश्वर से पैदल नर्मदा जी की परिक्रमा करते हुए जबलपुर देवी मां नर्मदा के तट गौरीघाट पहुंचे। इस दौरान उनका जगह-जगह विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक सहित अन्य संगठनों के द्वारा फूल-माला पहनाकर स्वागत किया गया।
इस मौके पर दादा गुरू ने सभी को नर्मदा के संरक्षण व शुद्धिकरण का संदेश दिया और कहा कि यह यात्रा, धर्म को जोडने के साथ-साथ नर्मदा जी को बचाने व उनके संरक्षण के लिए निकाली जा रही है, उनके द्वारा विभिन्न पड़ावों में जनमानस को नर्मदा जी के महत्व बताने के साथ प्रकृति, पर्यावरण, जल को बचाने का संरक्षण दिया जा रहा है।
सैकड़ों नर्मदा भक्त कर रहे परिक्रमा
नर्मदा मिशन के द्वारा बताया गया कि दादा गुरू के साथ पैदल नर्मदा जी की परिक्रमा में 500 से भी अधिक नर्मदा भक्त शामिल हैं, जो दादा गुरू के साथ परिक्रमा करते हुए नागरिकों को जागरुक करने का काम कर रहे हैं। नर्मदा मिशन के द्वारा बताया गया कि नर्मदा जन्मोत्सव 16 फरवरी को दादा गुरू गौरीघाट में ही विश्राम में रहेंगे, जिसके उपरांत 17 फरवरी को दादा गुरू नर्मदा परिक्रमा करते हुए अगले पड़ाव के लिए रवाना होंगे।