यूनाइटेड फोरम फ़ॉर पावर एम्प्लॉयीज एन्ड इंजीनियर और विद्युत पेंशनर्स के संगठनों ने आज रविवार को भोपाल में एक दिन का मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन किया।
इस दौरान मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ धरना स्थल पर पहुंचे और बिजली कार्मिकों को अपना समर्थन दिया।
कमलनाथ ना कहा कि आप सभी की बहुत छोटी मांग है। मैं तो समझता था करोड़ों रुपए खर्च होंगे लेकिन आपकी मांग जायज है। जैसे ही सरकार बनती है तो आप सभी की पेंशन ट्रेजरी से की जाएगी एवं पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी।
यूनाइटेड फोरम फ़ॉर पावर एम्प्लॉयीज एन्ड इंजीनियर ने मुख्यमंत्री ऊर्जा मंत्री के साथ सभी विद्युत कंपनी के प्रबंधन को पत्र लिख के मांग की थी, कि विद्युत कार्मिक को देय पेंशन की सुनिश्चत व्यवस्था हेतु पेंशन के मद में जो भी राशि मप्र विदयुत नियामक आयोग द्वारा पारित (Pass) की जाती है, उसे म.प्र.शासन की ट्रेजरी में जमा कराया जाये एवं उक्त राशि से ही प्रति माह 01 तारीख को सभी विद्युत पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु संबंधितों को उत्तर प्रदेश शासन के विद्युत पेंशनर्स हेतु बनाये गये नियमों के अनुसार मप्र में भी इसी तरह की व्यवस्था लागू हो।
यूनाइटेड फोरम के प्रदेश अध्यक्ष व्हीकेएस परिहार ने बताया कि भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 133 (2) मे निहित प्रावधानों के अंतर्गत राज्यों के विदयुत मंडलों/निगमों को कंपनियों में स्थानांतरित करने के समय कार्मिकों को प्रयोज्य सेवा निबंधन एवं शर्तें, जिसमें वेतन, पेंशन शामिल हैं, पूर्वानुसार सुनिश्चित करना होगा।
तथापि मध्यप्रदेश में मप्रराविमं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु जो नीति बनाई गयी है, उसके त्रुटिपूर्ण संचारण के कारण शासन एवं प्रबंधन द्वारा उपभोक्ताओं से वेतन एवं पेंशन की राशि वसूल करने के उपरांत भी समय से पेंशन व महगाई राहत का भुगतान न करना, जैसा कि माह सितम्बर-2022 में शासन एवं प्रबंधन द्वारा फण्ड की कमी बताकर पेंशन का भुगतान समय पर नहीं किया गया, एक गंभीर चिंता का विषय है। समय पर पेंशन का भुगतान न होने की इस एक घटना से पेंशन के भुगतान हेतु की गई व्यवस्था पर प्रश्न चिंह लगे हैं एवं इससे प्रदेश के 52 हजार विद्युत पेंशनर एवं 15 हजार विद्युत कर्मी अपने भविष्य को लेकर आशांकित व भयाक्रांत हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सभी विद्युत कंपनियों में मण्डल के लगभग 15000 अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत है एवं लगभग 52000 अधिकारी एवं कर्मचारी पेंशन प्राप्त कर रहे है, इस प्रकार लगभग 67000 अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पेंशन की समुचित व्यवस्था शासन एवं प्रशासन द्वारा न किया जाना उनके प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है।
इस संबंध में चर्चा हेतु एवं समय प्रदान करने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से निवेदन किया गया था, किन्तु इस दिशा में भी कोई ठोस पहल नही की गई है। इसी तारतम्य में दिनांक 10.09.2023 को भोपाल, बिजली नगर, गोविन्दपुरा में प्रदेश के मुख्यमंत्री के ध्यानकर्षण हेतु संपूर्ण मप्र से लगभग 10,000 पेंशनर्स एवं कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विशाल शांतिपूर्ण प्रदर्शन एवं रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
इस अवसर पर जबलपुर से केके अग्रवाल, अनुराग नायक, एसके पचौरी, इंदौर से आरसी सोमानी, एलएस चौहान, बालाघाट से आइडी पटले, छिंदवाड़ा से प्रभुनारायण नेमा एवं भोपाल से आरके शर्मा, पीआर साहू, अशोक गुप्ता, मनवारे उपस्थित रहे। मंच का संचालन आरएस कुशवाहा एवं प्रभु नारायण नेमा द्वारा किया गया। सभा को लगभग 20 अन्य प्रतिनिधियों द्वारा संबोधित किया गया एवं शासन एवं प्रशासन को चेतावनी दी गयी कि यदि पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था हेतु समय से कार्यवाही नहीं की गयी तो भविष्य में गहन आन्दोलनात्मक गतिविधियां शुरू की जावेगी।