पन्ना (हि.स.)। पन्ना जिले में हमेशा सूर्खियों में रहने वाले डॉक्टर एवं तत्कालीन अजयगढ़ बीएमओ पद पर पदस्थ रहे डॉ. केपी राजपूत ने अपने भतीजे दीपक राजपूत, एकाउण्टेण्ट वीरेंन्द्र अहिरवार, प्रोग्राम मैनेजर रूचि शर्मा के साथ मिलकर रोगी कल्यांण समिति लाखों की राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में फर्जी बिलों के माध्यम से डालकर फर्जीवाड़ा किया था, जिसकी शिकायत सुरेश यादव निवासी बालूपुर तहसील अजयगढ़ 7 सितंम्बर 2022 को कलेक्टर पन्ना की की थी। जिस पर सीएमएचओ पन्ना द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच करायी थी जिसमें बी एम ओ सहित उपरोक्त चारों दोषी पाए गए थे, लेकिन अपने रसूख के बल पर दोषी पाए जाने के बावजूद वे एक वर्ष से भी अधिक समय तक बीएमओ पद पर डटे रहे और गत वर्ष उन्हें हटाया गया।
कार्यवाही न होने पर शिकायतकर्ता सुरेश यादव ने 7 फरवरी 2024 को एसपी पन्ना को शिकायत की, जिसमे उल्लेख था कि बीएमओ के पी राजपूत एवं एकाउण्टेण्ट वीरेन्द्र अहिरवार ने फल सब्जी तथा सफाई कर्मी के भुगतान के फर्जी बिल तैयार कर लगभग 50 लाख रूपए का गबन रोगी कल्यांण समिति के मद में किया गया जो कि सामुदायिक स्वास्थ्यकेद्र सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदौरा एवं खोरा के डाइट बिल शामिल हैं। जिसमें विभाग द्वारा जांच कराई गयी दोषी पाए जाने के बावजूद कार्यवाही नही हुई है। जिस पर एसपी पन्ना साईक्रष्णा थोटा ने एसडीओपी अजयगढ़ को जांच सौपी, जिसमें एसडीओपी अजयगढ़ राजीव सिंह भदौरिया ने जांच में पाया कि तत्कालीन बीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ़ केपी राजपूत ने वर्ष 2016 से जनवरी 2024 तक जो कि उस समय रोगी कल्यांण समिति के सचिव भी थे। उन्होंने अपने भतीजे दीपक राजपूत के खाते में तथा वीरेन्द्र अहिरवार के नात रिश्तेदार मनोज अहिरवार एवं वेदप्रकाश अहिरवार के खातों में फल सब्जी तथा फर्जी सफाई कर्मी बताकर फर्जी बिल बनाकर तीन लाख साठ हजार दो सौ चौहत्तर रूपए का फर्जी आहरण पाया गया ।
शासकीय राशि के गबन पाए जाने पर डॉ. केपी राजपूत, एकाउण्टेण्ट वीरेन्द्र अहिरवार, दीपक राजपूत एवं प्रोग्राम मैनेजर श्रीमति रूचि शर्माके विरूद्ध धारा 406,409,465,420,467,468,471,34 आइपीसी के तहत मांमला पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है। यदि उनके कार्यकाल में हुए फर्जीवाड़े की गहराई से जांच पुलिस करेगी तो और बड़े घोटाले उजागर होने की संभावना है।