मध्य प्रदेश में बिजली संकट की खबरों के बीच एक अच्छी खबर है। प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग की उपस्थिति में बुधवार को मंत्रालय में शासन और ग्रीनको ग्रुप के मध्य 1440 मेगावॉट की पंप हायड्रो परियोजना के लिये करार पर हस्ताक्षर किये गये।
शासन की ओर से प्रबंध संचालक ऊर्जा विकास निगम विवेक पोरवाल और ग्रीनको ग्रुप की ओर से सीईओ एवं एमडी अनिल चलमासेट्टी ने हस्ताक्षर किये। प्रमुख सचिव ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा संजय दुबे भी इस अवसर पर मौजूद थे। परियोजना नीमच जिले के खिमला गाँव में प्रस्तावित है।
मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि कोयला संकट के बीच 7 हज़ार करोड़ रूपये की यह पंप हायड्रो परियोजना प्रदेश और देश के लिये एक महत्वपूर्ण ऊर्जा विकल्प सिद्ध होगी। उन्होंने कंपनी को निर्देश दिये कि परियोजना में अधिकतम स्थानीय लोगों को रोज़गार दिया जाए।
परियोजना का कार्य दिसंबर 2021 से शुरू होकर आगामी ढ़ाई सालों में पूर्ण होने की संभावना है। शुरूआत में 1440 मेगावॉट से उत्पादन शुरू होकर 1680 मेगावॉट का लक्ष्य है। संपूर्ण ऊर्जा ग्रीन ऊर्जा होगी। सरोवर में एकत्रित जल से सोलर पंप से ऊर्जा का निर्माण किया जाएगा।
इस परियोजना के लिये भूमि चिन्हित कर ली गई है। ग्रीनको कंपनी सिंगापुर शासन के साथ ग्रीन ऊर्जा के निर्माण में स्टेक होल्डर के रूप में कार्य कर रही है।