मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि सरकार द्वारा अपना राजस्व बढाने के उद्देश्य से कोरोना जनता कर्फयू के दौरान पूरे प्रदेश के पंजीयक कार्यालय 17 मई से खोल दिये गये हैं।
क्रेता एवं विक्रेता बड़ी संख्या में अपनी अचल संपत्ति का पंजीयन कराने पंजीयक कार्यालय पहुंच रहे हैं। जनता कर्फयू के दौरान शासन द्वारा समस्त प्रकार के उद्योग, धंधों, दुकानों आदि पूणतः बन्द रखा गया है, फिर ऐसी क्या मजबूरी है कि जनता व कर्मचारी को पंजीयन के नाम पर कोरोना संक्रमण में झोंका जा रहा है।
ज्ञात हो की शासन द्वारा केवल अति आवश्यक सेवाओं में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर ब्रगेड, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन एवं कोषालय आदि को 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ कार्यालय संचालित करने के निर्देश हैं। कर्मचारियों, अधिकारियों एवं जनता की जान जोखिम में डालने वाले इस तुगलकी आदेश का संघ विरोध करता है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, संजय यादव, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, योगेन्द्र मिश्रा, डॉ. संदीप नेमा, नन्दु चंसौरिया, चन्दु जाउलकर, उमेश पारखी, विटू आहलूवालिया, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, अभिषेक मिश्रा, नितिन शर्मा, श्याम नारायण तिवारी, प्रणव साहू, विनय नामदेव, महेश कोरी, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, पवन ताम्रकार आदि ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की है कि जनता कर्फ्यू के दौरान पंजीयक कार्यालय को पूर्णतः बन्द रखा जाये।