मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी ने मांग कि है शासन के द्वारा कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के अनुसार पदनाम देने की घोषणा की गई थी, वह भी आज दिनांक तक ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। संघ ने स्वास्थ्य विभाग में पुलिस विभाग की तरह पदोन्नंति करने की मांग की है।
संघ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को विगत 15 वर्षों से पदोन्ननति का लाभ नहीं मिला है। शासन द्वारा समय-समय पर समयमान वेतनमान दिये जाने से उन्हें वेतन तो उच्च पद का मिल रहा है, परन्तु पद का पदनाम एवं कार्य नहीं मिल पा रहा है।
शासन को पदोन्नति करने पर उन्हें सिर्फ पदनाम एवं उच्च पद का कार्य ही देना है, इसमें शासन को किसी भी प्रकार का वित्तीय भार भी नहीं आयेगा और शासन को कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त भुगतान भी नहीं करना पडेगा। पदोन्नोति होने पर शासकीय कर्मचारियों में उत्साह एवं मनोबल बढेगा जिससे कार्य की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
विभाग में सैकडों की संख्याे में बिना पदोन्नति के कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं और यदि पदोन्नाति नहीं होती है तो सैकडों और कर्मचारी पदोन्नति से वंचित रहते हुए सेवानिवृत्त हो जायेगें। कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग में 24 से 25 वर्षों की सेवा करने के पश्चात भी एक भी पदोन्नति नहीं मिल पाई है। जिससे कर्मचारियों को मनोबल टूट रहा है और कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हैं। पदोन्नति के लिए हर कैडर में सैकडों पर रिक्त पडे हुए हैं, परंतु शासन की उदासीनता के कारण कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है।
संघ के आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, मंसूर बेग, मो. तारिख, असलम खान, साहिल सिद्दीकी, नादिर कुरैशी, रफी अहमद, मो. रजा, मो. सगीर, मो. ईस्माईल, अब्दुल लतीफ, सिराज खान, अब्दुल्ला चिश्ती, मो. गालिब, मोहम्मद अहमद, ए.आई. मंसूरी, असलम खान, मंसूर अंसारी, जब्बार खान, प्रियांशु शुक्ला, नितिन शर्मा, विनय नामदेव, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, सतीश पटैल, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डे, मनीष शुक्ला, राकेश पाण्डे आदि ने मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन भोपाल को ई-मेल कर स्वास्थ्य विभाग में भी गृह विभाग कि तरह पदोन्नति की मांग की है।