मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी जारी विज्ञप्ति में बताया की कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सुपरवाईजर, एलएचव्ही, एमपी.डब्ल्यू, एएनएम, आशा कार्यकर्ता द्वारा कोरोना रोकथाम हेतु अपने सतत्त सेवायें दी जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वेरीफायर एवं वैक्सीनेटर का कार्य इनके द्वारा लगातार किया जा रहा है, जिसके कारण अनमोल पोर्टल पर कार्य कम हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि समस्त लक्ष्यों की पूर्ति शीघ्र पोर्टल पर की जाये, परन्तु पोर्टल पर एन्ट्री करने के बाद भी डाटा सही अपडेट नहीं हो पा रहा है।
इसके कारण पात्र हितग्रहीयों द्वारा सीएम हेल्पलाईन पर शिकायतें दर्ज की जाती हैं, उक्त सीएम हेल्पलाईन में शिकायत दर्ज होने का दोषारोपण जमीनी कार्यकर्ताओं पर अधिकारियों द्वारा मढा जा रहा है, जबकि हितग्रहीयों को नियमानुसार भुगतान करने संबंधी समस्त जिम्मेदारी ब्लाक व जिला स्तर के अधिकारियों की होती है, न की जमीन स्तर के कर्मचारियों की। कर्मचारियों का वेतन रोकने संबंधी कार्यवाही की जा रही है, जिससे स्वास्थ्य कर्मचारी निर्दोष होने के बाद भी भय व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, योगेन्द्र मिश्रा, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, पवन श्रीवास्तव, चन्दु जाउलकर, शंकर वानखेडे, बिट्टू अहलूवालिया, उमेश पारखी, विपिन शर्मा, वीरेन्द्र तिवारी, घनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, साहिल सिद्दीकी, गोपाल नेमा, प्रशांत श्रीवास्तव, कमलेश यादव, पंकज शर्मा, राकेश तिवारी आदि ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि अनमोल पोर्टल में आ रही तकनीकी खामियों को दूर कराया जावे, जिससे स्वास्थ्य संबंधी शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ हितग्रहीयों को समय सीमा में मिल सके। जिससे सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों में कमी आयेगी तथा कर्मचारियों को वेतन काटने जैसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।