मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति के तत्वावधान में हिन्दी दिवस समारोह बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्तिभवन के केन्द्रीय ग्रंथालय में आयोजित किया गया। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी, मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी व मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की संयुक्त सहभागिता में आयोजित हिन्दी समारोह के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त जिला व सत्र न्यायाधीश व लेखक श्री पुरूषोत्तम भट्ट ने कहा कि हिन्दी पारिवारिक भाषा की यात्रा करते हुए वैश्विक भाषा के रूप में स्वीकृत कर ली गई है। उन्होंने कहा कि हिन्दी गतिशील व प्रवाहमय भाषा है, जो लोगों को परस्पर जोड़ने का कार्य करती है। भूमंडलीकरण का लाभ सबसे अधिक हिन्दी भाषा को ही मिला है।
पचास वर्षों से अधिक समय से निरंतर आयोजित हो रहा है हिन्दी समारोह
समारोह की विशिष्ट अतिथि डॉ प्रतिभा पटेल ने कहा कि वर्तमान में हिन्दी सिर्फ साहित्य की भाषा नहीं रह गई, बल्कि हिन्दी भाषा के माध्यम से गणित व विज्ञान को भी बेहतर ढंग से पढ़ाया जा सकता है। समारोह की अध्यक्षता कर रहे पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन व प्रशासन) राजीव गुप्ता ने कहा कि विद्युत मण्डल व विद्युत कंपनियों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार का कार्य पचास वर्षों से अधिक समय से निरंतर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षों में हिन्दी परिषद और वर्तमान में मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति द्वारा आयोजित हिन्दी मास की विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी बन कर कई अहिन्दी भाषी कार्मिकों ने हिन्दी भाषा के विकास में योगदान दिया है। राजीव गुप्ता ने घोषणा की कि अगले वर्ष से हिन्दी दिवस का आयोजन तीन दिवसीय स्वरूप में किया जाएगा।
सेवानिवृत्त कार्मिकों का सम्मान
विद्युत कंपनियों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में विशिष्ट योगदान देने वाले सेवानिवृत्त कार्मिकों राकेश पाठक, विवेक रंजन श्रीवास्तव, विजेन्द्र उपाध्याय, मोहन श्रीवास का शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। समारोह के प्रारंभ में विजय जोगलेकर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
प्रतियोगिता के माध्यम से दी गई अभिव्यक्ति
हिन्दी दिवस के अवसर पर विद्युत अभियंताओं व कार्मिकों की प्रतिभा को उभारने के लिए ‘अभिव्यक्ति’ प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में ज्योति गुप्ता, प्रकाश नन्होरिया, सतीश जैन, धीरेन्द्र शर्मा, मीना पाठक, अनंत कुमार कुशवाहा, नरेश श्रीवास, मोहनीश नेमा, अखिलेश कुमार भारती, प्रतीक्षा पांडे, विजय जोगलेकर, गायत्री भूरिया, उषा गुप्ता, रामकृष्ण शर्मा, अजय पांडे, परसराम विश्वकर्मा, भूमिका शर्मा, मोहन श्रीवास, अंजली बरखे, संजय पोल व शरद नेमा ने प्रतिभागी के रूप में अधिकतम तीन मिनट में स्वरचित कविता, लघुकथा व समसामयिक विषय पर विचार प्रस्तुत किए। प्रतियोगिता के प्रत्येक प्रतिभागी को त्वरित रूप से सम्मानित व पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी समिति के महासचिव राजेश पाठक ने और कार्यक्रम संयोजक आलोक श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।