राष्ट्रीय खेल दिवस के पूर्व दिवस पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी की केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के मशाल परिसर में आज उस वक्त ऐतिहासिक भावुक क्षण आया जब पुत्र ओलंपियन अशोक कुमार ने अपने पिता मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा का अनावरण कर चरण स्पर्श किए। अशोक कुमार कुछ क्षण तक पिता की प्रतिमा को निहारते रहे। इस भावुक क्षण के साक्षी सैकड़ों लोग बने।
इनमें एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन व प्रशासन एवं केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के महासचिव राजीव गुप्ता, केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के पदाधिकारी, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को प्यार करने व चाहने वाले स्कूली विद्यार्थी, युवा, महिलाएं, वर्तमान खिलाड़ियों के साथ पूर्व हॉकी खिलाड़ी, खेल अधिकारी व प्रशासक, विद्युत कार्मिक और ओलंपियन अशोक कुमार के समकालीन खिलाड़ियों के साथ उनके प्रशंसक उपस्थित थे। मेजर ध्यानचंद की मध्यप्रदेश में स्थापित होने वाली यह प्रथम प्रतिमा है।
ध्यानचंद के जीवन में जबलपुर का विशिष्ट स्थान
ओलंपियन व मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक कुमार ने भावुकता के साथ कहा कि पिता की प्रतिमा का अनावरण करना उनके जीवन का अभूतपूर्व क्षण है और इसके लिए वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। अशोक कुमार ने हॉकी के जादूगर की प्रतिमा स्थापित करने के लिए एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी और केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद के जीवन में जबलपुर का विशिष्ट स्थान है। मेजर ध्यानचंद के बचपन का कुछ समय जबलपुर में बीता, यहां उनके छोटे भाई रूप सिंह का जन्म हुआ और चालीस के दशक में बहिन का विवाह चौहान परिवार में हुआ। अशोक कुमार ने स्वयं के जबलपुर से प्रगाढ़ संबंध की चर्चा करते हुए कहा कि उनके दिल में जबलपुर के लिए खास जगह है।
ध्यानचंद ने हॉकी को पारम्परिक खेल बनाया
अशोक कुमार ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का भारतीय खेल इतिहास में महत्व इसलिए है कि उन्होंने हॉकी को देश के खेल के रूप में स्थापित किया। भारत को हॉकी में उत्कृष्ट खेल के कारण ओलंपिक में लगातार व सबसे अधिक पदक मिले। मेजर ध्यानचंद ने हॉकी को देश के पारम्परिक खेल का दर्जा दिलाया।
केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद की सराहना
ओलंपियन अशोक कुमार ने एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी की केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद द्वारा मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा स्थापित करने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि परिषद जबलपुर में खेल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने प्रति वर्ष परिषद द्वारा आयोजित किए जाने वाले ग्रीष्मकालीन खेल शिविर आयोजन की सराहना की।
प्रतिमा स्थापित कर विद्युत कंपनियां हुईं गौरवान्वित
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन व प्रशासन और केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के महासचिव राजीव गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा स्थापित कर विद्युत कंपनियां स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ध्यानचंद व उनके पुत्र अशोक कुमार का भारतीय हॉकी में अप्रतिम व अविस्मरणीय योगदान है।
आर्टिस्ट मनीष कोष्टा ने बनाई प्रतिमा
मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा को शासकीय ललित कला निकेतन महाविद्यालय के निदेशक डॉ. मनीष कोष्टा ने बनाया है। प्रतिमा की ऊंचाई तीन फुट व वजन लगभग ढाई से तीन क्विंटल है। प्रतिमा के निर्माण में आर्टिस्ट डॉ. मनीष कोष्टा ने हॉकी के जादूगर के खेल, उनके व्यक्तित्व व गरिमा का पूरा ध्यान रखा है। प्रतिमा अनावरण समारोह में अशोक कुमार के समकालीन अरुण यादव लड्डू, अर्जुन अवार्डी मधु यादव, हॉकी इंडिया के मध्यप्रदेश महासचिव लोक बहादुर, विक्रम सिंह चौहान उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन सुनील यादव ने किया।