मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियां आज भगवान भरोसे चल रही हैं। खासतौर पर विद्युत वितरण कंपनियों में तकनीकी कर्मियों की इतनी कमी है कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा नहीं दे पा रही है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विद्युत मंडल की सभी कंपनियों के प्रबंधनों का इस और ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है कि मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में लगभग 15 वर्षों से लगातार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं और आज की स्थिति में न आपके पास अधिकारी हैं और न ही कार्यालय को चलाने के लिए बाबू हैं।
उपभोक्ताओं की बिजली को सुधार एवं मेंटेनेंस आदि करने के लिए तकनीकी कर्मचारी भी नहीं हैं। सारा कार्य आउटसोर्स कर्मियों के हवाले है, जो मेंटेनेंस, उपभोक्ताओं की बंद बिजली को चालू करना, करोड़ों रुपये के ट्रांसमिशन कंपनी के सब स्टेशन, वितरण कंपनी के सब स्टेशन आदि का कार्य कर रहे हैं।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 1 कर्मचारी के जिम्मे 20 गांव की विद्युत व्यवस्था है। आज की स्थिति में विद्युत मंडल की सभी कंपनियों में 30,000 आउटसोर्स कर्मियों विगत 15 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। सभी अनुभवी आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन करके कंपनी में समाहित कर लिया जाये और संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जाये।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, मुकेश पटेल, संजय वर्मा सुरेंद्र मेश्राम, उत्तम पटेल, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, पी एन मिश्रा, के एन गर्ग, घनश्याम चौरसिया, लखन सिंह राजपूत, अमीन अंसारी, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, वीरेंद्र विश्वकर्मा आदि ने विद्युत मंडल की सभी कंपनियों के प्रबंधनों से मांग की है कि तकनीकी कर्मचारियों की नियमित भर्ती कर उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करें।