मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में संचालित बाल श्रवण उपचार योजना के छूटे बच्चों का चिन्हांकन कर उपचार सुनिश्चित किया जायेगा। इस संबंध में एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास ने जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये हैं।
आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में एक अप्रैल 2023 की स्थिति में 4 वर्ष से कम आयु के श्रवण-बाधित बच्चों का एक जून से 30 जून 2023 तक चिन्हांकन करेगी। इनमें आंशिक रूप से श्रवण-बाधित और संदेहास्पद रूप से परिलक्षित बच्चों का चिन्हांकन किया जायेगा। आशा कार्यकर्ता द्वारा चिन्हित बच्चों को एक जुलाई से 31 जुलाई तक आँगनवाड़ी केन्द्र में प्राथमिक जाँच के लिये लाया जायेगा।
एएनएम ऐसे सभी बच्चों का, जिनमे श्रवण-बाधित और आंशिक रूप से श्रवण-बाधिता पाई गई है, उनकी पुन: जाँच कर श्रवण-बाधिता की पुष्टि करेगी। एएनएम से पुष्टि के बाद श्रवण-बाधित बच्चों को जाँच के लिये निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लाया जायेगा। चिकित्सा अधिकारी श्रवण-बाधित की पुष्टि के लिये जाँच करेंगे। ग्राम स्तर से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक रेफरल प्रक्रिया की निगरानी की जवाबदेही सीएचओ की रहेगी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिन्हित श्रवण-बाधित बच्चों को जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र ले जाया जायेगा। चिन्हित श्रवण-बाधित बच्चों को हियरिंग एड के लिये नि:शक्तता प्रमाण-पत्र मेडिकल बोर्ड से उपलब्ध कराया जायेगा। चिन्हांकित श्रवण-बाधित बच्चों को हेयरिंग एड देकर प्राथमिक उपचार दिया जायेगा। आवश्यकता अनुसार 5 वर्ष आयु तक के छूटे हुए श्रवण-बाधित बच्चों का एडीआईपी योजना में मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में नि:शुल्क उपचार कराया जायेगा।