Monday, November 25, 2024
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निजी स्‍कूलों की मनमानी के विरूद्ध कार्यवाही की शुरूआत जबलपुर से हुई तो खामियों को सुधारने के प्रयास भी जबलपुर से ही हों: दीपक सक्‍सेना

जबलपुर (लोकराग)। निजी स्‍कूलों की मनमानी के विरूद्ध कार्यवाही की शुरूआत यदि जबलपुर से हुई है तो सिस्‍टम आई खामियों को सुधारने के प्रयास भी जबलपुर से ही होना चाहिए। इससे प्रदेश और देश में अच्‍छा संदेश जायेगा और निजी स्‍कूलों को लेकर अभिभावकों, बच्‍चों और समाज में बनी खराब धारणा दूर होगी। यह बात कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना ने जबलपुर में निजी स्‍कूलों को बंद रखने के संबंध में बनी भ्रमपूर्ण स्थिति को लेकर आज कलेक्‍ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कही।

कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना ने कहा कि आम जनमानस ने निजी स्‍कूल को लेकर बने माहौल पर शाला संचालकों एवं प्रबंधकों को आत्‍म अवलोकन करना होगा और उनमें जो भी गलतियां हुई उसे कैसे दूर किया जा सकता है इस बारे में विचार करना होगा। यदि निजी स्‍कूल संचालक ऐसा निर्णय लेते है और इस पर अमल करते हैं तो पूरे प्रदेश में और यहां तक कि देश में जबलपुर को लेकर अच्‍छा संदेश जायेगा।

कलेक्‍टर ने स्‍पष्‍ट किया कि निजी स्‍कूलों के प्रति प्रशासन का कोई दुराग्रह नहीं है। जिन स्‍कूलों के विरूद्ध कार्यवाहियां हुई हैं उसके पीछे भी प्रशासन का कोई दुराभाव नहीं था। उन्‍हें अभिभावकों की शिकायतों पर की गई जांच में पाई गई गलतियां सुधारने का पर्याप्‍त मौका दिया गया था। बैठक में कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना निजी स्‍कूलों के विरूद्ध प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही को लेकर व्‍यक्‍त किये गये विचारों को भी सुना। उन्‍होंने साफ किया कि यदि शाला प्रबंधन अच्‍छे इरादे के साथ गलतियों को सुधारने के लिए तैयार है तो प्रशासन उन्‍हें पूरा अवसर देगा और सहयोग भी करेगा।

दीपक सक्‍सेना ने कहा कि प्रशासन भी नहीं चाहता कि निजी स्‍कूलों के प्रबंधन के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही की जाये। उन्‍होंने कहा कि गलतियां सभी से होती है लेकिन यदि मंशा अच्‍छी हो और गलतियों को समय रहते सुधार लिया जाये तो किसी को भी कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। कलेक्‍टर ने बैठक में निजी स्‍कूल की फीस को लेकर बनाये गये अधिनियम का पालन करने भी निजी स्‍कूल संचालकों से कहा।

उन्‍होंने स्‍कूल संचालकों को पोर्टल पर फीस स्‍ट्रक्‍चर की जानकारी अपलोड करने में आ रही कठिनाईयों को दूर करने के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने का आश्‍वासन भी दिया। श्री सक्‍सेना ने पाठ्य पुस्‍ताकें पर आईएसबीएन नम्‍बर को लेकर भी एक बार फिर स्थिति साफ की। उन्‍होंने कहा कि निजी स्‍कूलों को आईएसबीएन नंबर की किताबें पाठ्यक्रम में लागू करने की अनिवार्यता नहीं है। स्‍कूल बिना आईएसबीएन नंबर की किताबे भी पाठ्यक्रम में शामिल कर सकते हैं। लेकिन फर्जी या नकली आईएसबीएन नंबर की किताबे पाठ्यक्रम में शामिल करना अपराध माना जायेगा। 

उन्‍होंने कहा कि शाला संचालकों को किसी भी किताब को पाठ्यक्रम में शामिल करने के पहले देखना होगा कि उस किताब के कंटेंट क्‍या है, उसकी खूबियां क्‍या है। इसके साथ ही उसकी कीमत और उपलब्‍धता को भी ध्‍यान में रखना चाहिए तथा अगले शैक्षणिक सत्र में लगने वाली किताबों की जानकारी सितम्‍बर माह तक सूचना पटल पर चस्‍पा कर देना चाहिए।

कलेक्‍टर ने बैठक में स्‍कूल संचालकों से कहा कि उन्‍हें वह ध्‍यान रखना होगा कि वे इस व्‍यवसाय से सिर्फ पैसा कमाने नहीं आये है। यदि उनकी संस्‍था में बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा मिलेगी तो उनकी प्रतिष्‍ठा भी बढेगी और प्रतिष्‍ठाा बढ़ने के साथ आय भी बढेगी। लेकिन हो यह रहा कि ज्‍यादा मुनाफा बनाने की चक्‍कर में निजी स्‍कूल प्रबंधन अपराधिक श्रेणी में आने वाले कृत्‍यों से भी लिप्‍त हो जाना है। इससे सभी को बचना करेगा।

दीपक सक्‍सेना ने बैठक में निजी स्‍कूल संचालकों से स्‍कूलों को बंद रखने को लेकर बनी भ्रामक स्थिति को जल्‍दी दूर करने की अपेक्षा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शाला संचालक जो भी फैसला लेंगे वो बच्चों के हित को सर्वोपरि मानकर ही लेंगे। बैठक में अपर कलेक्टर मिशा सिंह, जिला पंचायत की सीईओ जयति सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा, निजी स्कूलों के संचालक एवं निजी स्कूल ऐसोसिएशन के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

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