मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा नीति आयोग के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही गरीब कल्याण की सभी योजनाओं का प्रदेश में सफल क्रियान्वयन हो, इस दिशा में तेजी से कार्य हो इस पर चर्चा हुई।
मंत्रिमंडल की बैठक में सक्षम आंगनवाड़ी पोषण योजना अंतर्गत आंगनवाड़ी में कार्य करने वाली बहनों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया। आंगनवाड़ी की सभी बहनों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत कवर किया जाएगा।
बीमा योजना के तहत निधन होने पर 200000 रुपये और स्थाई दिव्यांगता पर 100000 रुपये का बीमा मिलेगा। इसका प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी, प्रदेश की 57 हजार 324 बहनों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
मंत्रीमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया है कि लाड़ली बहना योजना अंतर्गत सभी पात्र बहनों को ₹450 में गैस सिलेंडर मिले। इसके लिए हमने बजट में भी प्रावधान किया है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रीमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जो सड़कें अधूरी रह गई हैं, उन्हें अब राज्य सरकार द्वारा बनाया जाएगा। इसके लिए 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मध्य प्रदेश के 22 जिलों अलीराजपुर, आगर मालवा, रीवा, अनूपपुर, ग्वालियर, अशोक नगर, भिंड, कटनी, उमरिया, बैतूल, भोपाल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, मुरैना, सतना, शहडोल, निवाड़ी, सिंगरौली, उज्जैन और सागर के एलोपैथी चिकित्सालय में चिकित्सा के सभी विकल्प उपलब्ध कराने के लिए आयुष विंग की स्थापना की जाएगी। इसके संचालन के लिए 213 पदों की स्वीकृति दी गई।
इसके अलावा छिंदवाड़ा जिले में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा की सेवा के दौरान अपने दायित्व का निर्माण करते हुए मृत्यु हो जाने पर 90 लाख रुपये की विशेष अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया। इसमें से 45 लाख रुपये पत्नी और 45 लाख रुपये माता-पिता को दिए जाएंगे। पूर्व में 10 लख रुपए स्वजन को दिए जा चुके हैं।
बैठक के प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्रीमंडल को बताया कि अगला रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ग्वालियर में 28 अगस्त को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकतानुसार कार्य किया जाए। परंपरागत उद्योग और व्यापार- व्यवसाय में लगे लोगों को भी अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया जाए।