मध्यप्रदेश में भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। इसके बाद भी रिश्वतखोरी के मामले कम नहीं हो रहे है। आये दिन किसी न किसी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लोकायुक्त की कार्रवाई की जद में आ रहे है। ताजा मामला सीहोर जिले का है जहां साेमवार काे नगर पालिका सीहोर के कार्यपालन यंत्री को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। आराेपित पर मकान निर्माण की अनुमति को लेकर 70 हजार रुपये की रिश्तव मांगने का आराेप है। शिकायतकर्ता के आवेदन के बाद लोकायुक्त पुलिस ने इंजीनियर पर कार्रवाई की है।
जानकारी अनुसार फरिदयादी सुरेश दागी ने लाेकायुक्त काे शिकायत की थी। शिकायत में उसने बताया कि पलुनिया चौराहे के नजदीक बनाया जा रहे मकान के निर्माण की अनुमति के लिए पालिका सीहोर के कार्यपालन यंत्री रमेश वर्मा ने एक लाख की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद 70 हजार में बात तय हुई। इसकी मोबाइल रिकॉर्डिंग भी आवेदक के पास मौजूद थी। जो आवेदक ने लोकायुक्त को मुहैया कराई।
आवेदक का कहना है कि मैंने बार-बार निवेदन किया था और वो मुझे मेरे ही प्लाट पर मकान नहीं बनाने दे रहे थे। जिसके बाद उन्हाेंने परेशान होकर शिकायत की थी। जांच उपरांत शिकायत सहीं पाये जाने पर सोमवार की सुबह लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्रवाई की। लोकायुक्त डीएसपी के साथ टीम ने रिश्वत की राशि की पहली किश्त के 20 हजार रुपये लेते हुए इंजीनियर काे रंगे हाथाें पकड़ा। इस कार्रवाई में टीम ने दो कर्मचारियों को आरोपित बनाया है।
मामले को लेकर डीएसपी अनिल वाजपेयी ने बताया कि हमें शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है। इसमें आरोपित को पकड़ लिया है। इसके साथ ही आरोपित के साथ ऑपरेटर दानिश और एक अन्य प्राइवेट इंजीनियर अंशुल जैन से भी पूछताछ की जा रही है। फिलहाल कार्रवाई जारी है। आरोपित रमेश वर्मा के पास होशंगाबाद का भी चार्ज था। वहां भी कई तरह की अनियमितताएं सामने आई थीं, जिसके बाद जांच की गई। बताया जा रहा है कि रमेश वर्मा के पास आय से अधिक संपत्ति का मामला भी बन सकता है। लोकायुक्त पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। (हि.स.)