आज भारत चांद पर पहुंच चुका है और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से लैस अत्याधुनिक तकनीक ने हर कार्य को करने की प्रक्रिया में बदलाव लाने के साथ ही सरल कर दिया है, लेकिन स्वयं के कार्यालय में अत्याधुनिक एसी लगाकर लेटेस्ट डिवाइस का उपयोग करने वाले बिजली अधिकारी लाइन कर्मियों को आज भी 50 साल पुराने संसाधनों के भरोसे जोखिम का कार्य करने की लिए विवश कर रहे हैं जबकि सबसे महत्वपूर्ण कार्य तो लाइनमैन ही करते हैं।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की तीनों वितरण कंपनियों के लाइन कर्मियों के द्वारा आज भी 50 वर्ष से पुराने सुरक्षा उपकरण संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आज भी लाइनमैन ठेला, बांस की सीढ़ी या पोल पकड़ कर पोल पर चढ़ना आदि का उपयोग उपभोक्ताओं के फाल्ट सुधारने, लाइन जोड़ने, ब्रेकडाउन शटडाउन आदि में किया जाता है। आज के आधुनिक और मशीनी युग में वर्षों पुराने सुरक्षा उपकरणों एवं संसाधनों का उपयोग बहुत ही हास्यास्पद है।
इसे देखते हुए तकनीकी कर्मचारी संघ ने मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के विशेष कर्तव्य अधिकारी को पत्र लिख कर मांग की है कि लाइनमैन को छोटी वाली हाइड्रोलिक गाड़ी खरीद कर दी जाए जो छोटी-छोटी गलियों में जा सके और उपभोक्ताओं की बिजली को सुधार कर सके। इसके अलावा करंट का कार्य करने वाले लाइन कर्मियों को आधुनिक सुरक्षा उपकरण एवं संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
इसके अलावा संघ ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध संचालकों से मांग की है कि डीवी डिवाइस खरीदें, जिससे कर्मचारी पोल पर चढ़कर सुरक्षित रहते हुए करंट का कार्य कर सके। उल्लेखनीय है कि डीवी डिवाइस के कार्य के दौरान जहां निजी करंट होता हैं, उसका इंडिकेटर पहले ही दे देती है, जिसकी वजह से लाइन कर्मचारी सुरक्षित होकर कार्य कर सकता है। इसके साथ ही कर्मचारियों को अच्छे वाले हेलमेट व रबर एंकर शो दिए जाने की मांग तकनीकी कर्मचारी संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, विनोद दास, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपंकर, राहुल दुबे, लाखन सिंह राजपूत, दशरथ शर्मा, आजाद सकवार, जगदीश मेहरा, अमीन अंसारी आदि ने की है।