बिजली गुणवत्ता से दी जाए, ट्रिपिंग में कमी लाई जाए, वोल्टेज संबंधी शिकायतें भी कम होनी चाहिए। बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों में कमी आने से ही यह पता चलेगा कि हमारा कार्य गुणवत्ता के साथ चल रहा हैं। बिजली अधिकारियों को ये निर्देश मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने दिए।
प्रबंध निदेशक अमित तोमर कंपनी क्षेत्र के इंदौर सहित 15 जिलों के 80 बिजली इंजीनियरों की वृहद मिटिंग में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कंपनी के कार्मिक गंभीरता से कार्य करें, कुसुम C योजना के तहत 11 केवी फीडरों के माध्यम से किसान द्वारा बंजर भूमि पर उत्पादित बिजली प्रवाहित की जाना है, इसके प्रस्ताव मंजूर कर अग्रिम कार्रवाई के लिए वरिष्ठ कार्यालय समय पर भेजे जाए। वर्तमान में फील्ड में 17 प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। रूफ टॉप सोलर नेट मीटरिंग के आवदेनों को भी जल्दी मंजूरी दी जाए।
अमित तोमर ने विभागीय जांच समय पर करने, सीएम हेल्प लाइन, ऊर्जस, 1912 इत्यादि पर आई शिकायतों, मांगी गई सुविधों को लेकर समय पर कार्रवाई के लिए कहा। ट्रांसफार्मरों के फेल रेट कम करने एवं ट्रांसफार्मरों संबंधी इंट्री समय पर ऑन लाइन करने के भी निर्देश दिए गए। प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने कनेक्शनों की जांच करने, स्मार्ट मीटर प्रकोष्ठ की अनुशंसाओं पर कार्रवाई करने, उपभोक्ता हित में सतत सक्रियता से कार्य करने को कहा। श्री तोमर ने विशेष रूप से इंदौर और उज्जैन शहर में आवेदकों को सभी औपचारिकता पूर्ण करने पर तीन दिन में बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, निदेशक पुनीत दुबे, सचिन तालेवार, कार्यपालक निदेशक गजरा मेहता, मुख्य अभियंता एसआर बमनके, बीएल चौहान, रवि मिश्रा, एसएल करवाड़िया, गिरीश व्यास, राकेश आर्य, इंदौर शहर अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा, इंदौर ग्रामीण अधीक्षण यंत्री सुधीर आचार्य आदि ने भी विचार रखें।