मध्य प्रदेश की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का अमानवीय चेहरा सामने आया है, जहां कंपनी ने कार्य के दौरान गंभीर रूप से बीमार हुए अपने अधिकारी को इलाज के लिए वित्तीय सहायता देना तो दूर, एक साल से वेतन भी नहीं दिया है।
जानकारी के अनुसार MPPKVVCL के अंतर्गत एसटीएम संभाग नीमच में पदस्थ कनिष्ठ यंत्री (संविदा) मुकुल शर्मा 9 नवंबर 2020 को 33×11 केवी उपकेन्द्र परलाई स्थित ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि किए जाने हेतु 5 एमव्हीए का ट्रांसफार्मर लेने क्षेत्रीय भण्डार गृह उज्जैन कंपनी वाहन से गए थे। उक्त यात्रा में उज्जैन से लौटते वक्त यात्रा के दौरान मुकुल शर्मा का अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया।
लेकिन अधिकारी ने कार्य को महत्वपूर्ण मानते हुए ट्रांसफार्मर पहुंचाने के कार्य को समय पर पूर्ण करते हुऐ तुरंत चिकित्सक को न दिखाते हुए देर रात्री नीमच पहुंचे व सुबह स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने की स्थिति में 10 नवंबर 2020 को उपचार की आकस्मिक परिस्थिति को देखते हुए उन्हें नीमच के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया , जहां उनका उपचार के दौरान शरीर निष्क्रीय अवस्था में चला गया।
निजी नर्सिंग होम नीमच के उपचार से मुकुल शर्मा की स्वास्थ की स्थिति में सुधार न होकर स्वास्थ्य और अधिक खराब हो गया, जिस पर उन्हें 12 नवंबर 2020 को नीमच से उदयपुर रेफर किया गए उदयपुर में स्वास्थ्य में आंशिक सुधार होने के पश्चात वहां से उन्हें के परिवार के निवेदन पर नवंबर 2020 को आगामी उपचार हेतु एम्स भोपाल में रेफर किया गया।
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जानकारी के अनुसार करीब एक साल से जारी उपचार के बाद कनिष्ठ अभियंता के स्वास्थ्य में आंशिक सुधार है। लेकिन इस दौरान कनिष्ठ अभियंता मुकुल शर्मा को कंपनी की और से उपचार के लिए किसी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं दी गई। इसके विपरीत अधिकारी का वेतन भी रोक दिया गया।
जिसके बाद साथी अधिकारियों ने बीमार अधिकारी मुकुल शर्मा के सहयोग के लिए अधिकारी संगठन से सहायता की अपील की है। जिसमें कहा गया है कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मैं पिछले वर्ष 2020 में नीमच में पदस्थ कार्य के दौरान ब्रेन मे थक्का जम जाने के कारण अभी तक उस बीमारी से लड़ रहा है। अभी भी बेड पर ही घर पर इलाज चल रहा है। मुकुल शर्मा अभी तक बोल नहीं पा रहा है लेकिन समझ पा रहा है, एम्स में इलाज चल रहा है पिछले साल से ही घर पर एक नर्स, एक फिजियो घर पर ही देखरेख कर रहे हैं। इसमें 1 साल में अभी थोड़ा इंप्रूवमेंट आया है अभी और ठीक होने में 1 साल और लग सकता है।
मुकुल शर्मा संविदा पर नीमच में पदस्थ थे, लेकिन संविदा पर पदस्थ होने के कारण कंपनी की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई और उसी समय से उसका वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। पूरे इलाज में बहुत खर्चा हो चुका है और कंपनी की ओर से ना तो वेतन ना ही आर्थिक सहायता मिल पा रही है। संगठन से निवेदन है या तो कंपनी की ओर से आर्थिक मदद मिल जाए या उसका वेतन शुरू कर दिया जाए, जिससे उसके इलाज में हो रहे खर्च में मदद मिल सके, क्योंकि अभी महीने का लगभग 40000 रुपये इलाज में खर्च हो रहा है। संगठन के व्हीकेएस परिहार सर से निवेदन है कंपनी की ओर से या कुछ और माध्यम से कुछ मदद हो जाए या वेतन शुरू किया जा सके तो मुकुल शर्मा संविदा की मदद हो सके।
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