मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 21 नवंबर 2024 को मैहर कार्यपालन अभियंता के अंतर्गत आरआईएस डीसी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मी शिव प्रसाद कुशवाहा उम्र 38 वर्ष को जूनियर इंजीनियर के द्वारा सीमेंट के जर्जर विद्युत पोल से उपभोक्ताओं की सर्विस लाइन काटकर नए विद्युत पोल से जोड़ने का दिया गया था।
अधिकारी के आदेश पर बिजली कर्मी सप्लाई बंद करके सीमेंट के जर्जर पोल पर चढ़कर सर्विस लाइन काटकर नीचे गिरा रहा था, तभी जर्जर विद्युत पोल टूट गया, जिससे आउटसोर्स कर्मी शिव प्रसाद कुशवाहा जमीन पर आ गिरा। ऊंचाई से गिरने के कारण लाइन कर्मी बुरी तरह घायल हो गया। मौके पर मौजूद सहयोगियों के द्वारा मैहर के सरकारी अस्पताल में घायल लाइन कर्मी का प्राथमिक उपचार कराया गया उसके बाद उसे सतना रेफर कर दिया गया, लेकिन सतना के अस्पताल में भी आराम ना लगने की वजह से 23 नवंबर 2024 को आउटसोर्स कर्मी को परिवार के द्वारा जबलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया गया।
जहां डॉक्टर के द्वारा एक्सरे कर बताया गया की बाएं तरफ कूल्हे की हड्डी में 6 फैक्चर हो गए हैं एवं पीठ की पसली में भी फैक्चर हुए हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल में 15 दिनों के इलाज में दो लाख से ज्यादा रुपए खर्च हो गए हैं और अभी तक ऑपरेशन नहीं किया गया है डॉक्टर का कहना है कि ऑपरेशन करने में ₹200000 और खर्च आएगा। आउटसोर्स कर्मी के परिवार के द्वारा ब्याज से पैसे लेकर इलाज करवाया जा रहा है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आउटसोर्स कर्मी ठेका कंपनी उर्मिला इंटरनेशनल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बिजली कंपनी के नियोजित है, लेकिन दुर्घटना के बाद से आज तक उर्मिला कंपनी का कोई भी अधिकारी घायल आउटसोर्स कर्मी को देखने नहीं पहुंचा, वहीं बिजली कंपनी के प्रबंधन और अधिकारियों ने कर्मी की कोई सुध ली। आउटसोर्स कर्मी के छोटे-छोटे दो बच्चे भी हैं, अत: आउटसोर्स कर्मी का इलाज कराने जल्द से जल्द सहायता राशि प्रदान की जाए।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपंकर, राहुल दुबे, अंकित साहू, अमित मेहरा, जगदीश मेहरा, राजकुमार सैनी, अमीन अंसारी आदि ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि ऐसे ठेकेदार को ठेका न दें जो दुर्घटना में घायल हुए आउटसोर्स कर्मचारी इलाज न कराए और उसकी सुध न ले। इसके साथ ही उर्मिला इंटरनेशनल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड का ठेका निरस्त करते हुए उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए।