मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की हिटलरशाही व हठधर्मिता के चलते जिले के सैकड़ों कोरोना योद्धाओं को शासन के आदेश के बाद भी 7वें वेतनमान के एरियर्स की तृतीय किस्त का 25 प्रतिशत व 75 प्रतिशत का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है।
शासन द्वारा स्पष्ट आदेश दिये गये थे कि 31 मार्च 2021 के पूर्व एरियर्स के सभी भुगतान कर दिये जाएं, उसके बाद भी कोरोना योद्धाओं को 7वें वेतनमान की तृतीय व अंतिम किस्त का भुगतान सेवा पुस्तिका के अनुमोदन का बहाना बना कर नहीं किया गया हैं। जबकि सेवा पुस्तिका में अनुमोदन 7वां वेतनमान लागू होने के साथ ही कराये जाने के निर्देश थे, उसके उपरांत ही प्रथम, द्वितीय एवं अंतिम किस्त का भुगतान निरंतर हो रहा है।
सेवा पुस्तिका में अनुमोदन के लिए उत्तरदायित्व कार्यालय प्रमुख का होता है न की कर्मचारी का। कोरोना योद्धा लगातार प्रथम लहर से वर्तमान तक अपने कर्तव्य व दायित्व का निर्वहन निष्ठा व ईमानदारी से कर रहे हैं, जिसके कारण वे और उनका परिवार संक्रमण का शिकार हो रहा है।
ऐसी स्थिति में स्वयं के व्यय पर तत्काल चिकित्सा सुविधा हेतु रूपयों की आवश्यकता होती है, परन्तु धन के अभाव में उन्हें साहुकार की शरण में जाने हेतु विवश होना पड़ रहा है और वे कर्ज में डूब रहें है, समय पर एरियर्स का भुगतान न होने पर ऐसी स्थिति निर्मित रही है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, संजय यादव, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, वीरेन्द्र तिवारी, घनश्याम पटेल, अजय दुबे, मनोज खन्ना, राजेश चतुर्वेदी, चंदू जाउलकर, नंदु चंसौरिया, अरूण दुबे, आरके गोलाटी, अंकुर प्रताप सिंह, बिटू अहलूवालिया, विजय सेन, उमेश पारखी, शकील खान, अनिल दुबे आदि ने जबलपुर कलेक्टर से मांग की है कि सीएमएचओ कार्यालय के जंगलराज को समाप्त कर एरियर्स का भुगतान कराया जाये।