शुक्रवार की शाम पदभार ग्रहण करने के चौबीस घण्टे के भीतर जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज शनिवार को पाटन तहसील के बरौदा छेड़ी स्थित श्री राम वेयर हाउस और पवई स्थित सोहम वेयर हाउस पहुँचकर धान उत्पादक किसानों से चर्चा की। उन्होंने दोनों वेयरहाउस परिसर में किसानों द्वारा रखी गई धान को बारिश से हुये नुकसान का जायजा भी लिया।
खरीदी केंद्र नहीं बनाये जाने के बावजूद अनजाने में इन दोनों स्थानों पर किसानों द्वारा बड़ी मात्रा में धान का भंडारण कर लिया गया है। अपनी इस धान को खरीदने की मांग कर रहे किसानों से श्री सक्सेना ने देर तक बातचीत की तथा उनकी कठिनाइयों को गम्भीरतापूर्वक सुना तथा उनकी समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिया। श्री सक्सेना ने कहा कि किसानों की इस कठिनाई के निराकरण को लेकर प्रशासन का नजरिया सकारात्मक और संवेदनशील है । किसानों से भी उन्होंने इस दिशा में सहयोग का अनुरोध किया।
किसानों से चर्चा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन उन सभी 36 वेयर हाउस पर रखी किसानों की धान को खरीदने की व्यवस्था करने जा रहा है, जिन्हें खरीदी केंद्र नहीं बनाया गया था । श्री सक्सेना ने कहा कि इन अनाधिकृत स्थानों पर रखी धान को खरीदने जल्दी ही सब सेंटर बनाये जाएंगे और तौल-काँटे की व्यवस्था कर मौसम साफ होते ही खरीदी प्रारम्भ की जायेगी । उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे वेयर हाउस या खरीदी केंद्रों को किसी भी सूरत में उपार्जन केंद्र नहीं बनाया जायेगा और न ही किसानों से उपार्जित धान का यहां भंडारण किया जायेगा। ऐसे स्थानों पर वास्तविक किसानों की और एफएक्यू धान की ही खरीदी की जायेगी।
श्री सक्सेना ने किसानों को सलाह दी कि वे बारिश में भीग चुकी धान को सुखा लें और एफएक्यू मापदंड के मुताबिक तैयार कर लें। प्रशासन भी इस कार्य में उनकी मदद करेगा। उन्होंने बारिश में धान को भीगने से बचाने के लिये सबंधित वेयर हाउस संचालकों को तिरपाल की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये।
श्री सक्सेना ने किसानों से आग्रह किया कि कठिनाइयों से बचने के लिये वे स्लॉट बुक कराकर ही अपनी धान खरीदी केंद्रों पर लेकर जायें। बिना स्लॉट बुक कराये खरीदी केंद्रों पर धान डंप न करें। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर जहाँ खरीदी केंद्र स्वीकृत नहीं किये गये हैं, वहाँ धान ले जाकर रख देने से किसानों की परेशानी ही बढ़ेगी।
कलेक्टर ने कहा कि ऐसे वेयरहाउस मालिकों पर भी प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जायेगी जिन्होंने किसानों को भ्रमित कर अपने यहाँ धान रखने के लिये प्रेरित किया। हालांकि किसानों द्वारा इन अनाधिकृत स्थानों पर डंप की गई धान की खरीदी जल्दी ही शुरू की जायेगी।
किसानों की आड़ में बिचौलियों और व्यापारियों को उपार्जन व्यवस्था का अनुचित लाभ उठाने नहीं दिया जायेगा। ऐसे लोगों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी और जरूरत पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज की जायेगी। फर्जी सिकमीनामें के आधार पर कराये गये पंजीयन की भी इस दौरान जांच की जायेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी कि उनकी आड़ में कोई अन्य इस व्यवस्था का अनुचित फायदा न उठा पाये।