मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यापक प्रकोष्ठ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि अध्यापक संवर्ग का राज्य शिक्षा सेवा में संविलियन होने के पश्चात नियमित शिक्षकों की भांति उनके सातवें वेतनमान का अनुमोदन कोषालय से कराये जाने के आदेश किये गये हैं।
इसके बाद भी जिले के लापरवाह संकुल प्राचार्यों एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा अध्यापक सवंर्ग के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्य. शिक्षकों की सेवा पुस्तिकाओं में वेतन निर्धारण कर कोषालय में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है, जिससे अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान एरिसर्य की राशि के भुगतान से वंचित होना पड़ रहा है। प्राचार्यो एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण जिले के हजारों शिक्षकों को आर्थिक हानि हो रही है।
संघ के मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, अजय सिंह ठाकुर, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, प्रणव साहू, श्याम नारायण तिवारी, धीरेन्द्र सोनी, मो तारिक, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, नितिन शर्मा, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, विनय नामदेव, आनंद रैकवार, किशोर दुबे, आदित्य दीक्षित, पवन ताम्रकार, जयप्रकाश गुप्ता आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि अध्यापक सवंर्ग के प्राथमिक, माध्यमिक, एवं उच्च माध्य.शिक्षकों की सेवा पुस्तिकों का अनुमोदन शीध्र कराने के आदेश जारी कराये जाएं तथा विलंब के लिए उत्तरदायी संकुल प्राचार्य व विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।