मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा कोरोना वायरस से संक्रमित कोरोना योद्धा फ्रंटलाईन वर्कर मुबीन खान लेब टेक्नीशियन रांझी अस्पताल में पदस्थ थे, जिनका उपचार के दौरान विक्टोरिया चिकित्सालय में निधन हो गया है।
कोरोना संक्रमण काल के प्रारंभ से ही मुबीन खान फ्रंटलाईन वर्कर के रूप में फीवर क्लीनीक बड़ा पत्थर रांझी में न्यूनतम संसाधन होने के बाद भी वह अपनी सेवायें दे रहे थे। समुचित संसाधन न होने से वह स्वयं ही कोराना संक्रमित हो गये, जिसका खामयाजा उन्हें अपनी जांच से हाथ धोकर चुकाना पड़ा।
परिजनों द्वारा आरोप लगाया गया है कि कर्मचारी की मौत उपचार में लापरवाही एवं ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कोरोना योद्धा के साथ यह दुर्घटना घट सकती है तो आमजन के साथ क्या होता होगा यह विचारणीय है?
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, गोविन्द विल्थरे, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डे, अजय दुबे, सतीश उपाध्याय, दालचंद पासी, अरूण दुबे, विनोद साहू, बलराम नामदेव, के.के. विश्वकर्मा, मनोज पाटकर, राजीव पाठक, नितिन अग्रवाल, राकेश उपाध्याय, श्यामनारायण तिवारी, नितिन शर्मा, मो. तारिक, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, राकेश दुबे, आदित्य दीक्षित आदि ने जबलपुर कलेक्टर से प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है।