मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की जनवरी 2022 में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में चुनावी अमले के लोक सेवक, जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, जैसे हृदय रोग, कैंसर, रक्तचाप, गंभीर मघुमेह, लकवा, ब्रेन ट्यूमर, किडनी रोग, डायलेसिस के साथ-साथ अस्थाई द्विव्यांगता से पीड़ित हैं, साथ ही गत वर्ष कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी की चपेट में आकर गंभीर रूप से ग्रसित हुए लोक सेवकों को चुनावी कार्य से दूर रखा जावे।
संघ का कहना है कि गंभीर रूप से बीमार कर्मचारी को अपने परहेजी सादे खान-पान के साथ ही समय पर दवाईयों पर आश्रित रहना पडता है एवं जिन्हें कभी भी चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे कर्मचारी को भी चुनावी मतदान दल से मुक्त रखा जाए, ताकि मतदान दल के अन्य सदस्यों को चुनाव कार्य संपन्न कराने में परेशानी न हो। साथ ही ऐसे पति व पत्नी, जो दोनों ही लोक सेवक हों, उनमें से किसी एक की ही चुनावी डयूटी लगाई जानी चाहिए, जिससे पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन हो सके।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, प्रहलाद उपाध्याय, जवाहर केवट, मनोज राय (द्वय), शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डे, अजय दुबे, कैलाश शर्मा, लक्षमण परिहार, हर्षमनोज दुबे, केजी पाठक, हरिशंकर गौतम, अरूण दुबे, विनोद साहू, बलराम नामदेव, मुन्ना लाल पटैल, अजय राजपूत, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, योगेन्द्र मिश्रा, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, आलोक वाजपेयी, वीरेश शर्मा, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, ब्रजेश मिश्रा, श्याम नारायण तिवारी, मनीष नोडिया, मनीष शुक्ला आदि ने आयुक्त मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग से मांग की है कि गंभीर बीमारी से ग्रसित लोक सेवकों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाये तथा पति अथवा पत्नी में से किसी एक की ही चुनाव डयूटी लगाई जाए।