दो दिनों में चार हजार से अधिक नामांतरण के अविवादित प्रकरणों का निराकरण कर जबलपुर जिले ने प्रदेश में नई मिसाल पेश की है । इतनी बड़ी संख्या में अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर शुक्रवार और शनिवार को जिले की प्रत्येक तहसील में शिविर लगाकर किया गया। इन शिविरों में अविवादित प्रकरणों में नामांतरण के आदेश पारित करने के साथ ही राजस्व रिकार्ड को अद्यतन कर खसरा और नक्शा की सुधरी हुई प्रतियां भी आवेदकों को प्रदान की गई।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शिविरों के सफल आयोजन और इनके माध्यम से कम समय में इतनी बड़ी संख्या में अविवादित प्रकरणों का निराकरण करने के लिये जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जिले राजस्व टीम ने जुलाई माह के प्रथम शिविर में लंबित राजस्व प्रकरण का निराकरण पूर्ण गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया है, जिसकी सराहना जनप्रतिनिधियों और समाज के हर वर्ग द्वारा की जा रही है। दीपक सक्सेना ने आने वाले शिविरों में भी पूर्ण पारदर्शिता के साथ बेहतर परिणाम देने की अपेक्षा व्यक्त करते हुये कहा है कि जबलपुर जिले में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये अपनाई गई यह कार्य पद्धति प्रदेश में राजस्व विभाग के लिये मिसाल बनेगी।
ज्ञात हो कि डॉ मोहन यादव की मंशा के अनुरूप राजस्व प्रकरणों के निराकरण को गति देने कलेक्टर दीपक सक्सेना ने नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निपटारे के लिये जिले की प्रत्येक तहसील में हर माह 5 और 6 तारीख तथा 20 और 21 तारीख को शिविर लगाने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिये हैं। नामांतरण प्रकरणों के निराकरण के लिये शुक्रवार और शनिवार को तहसील स्तर पर लगाये गये शिविर जुलाई माह के पहले शिविर थे। इन शिविरों में रिकार्ड संख्या में प्रकरणों का निराकरण होने पर जहाँ आवेदकों ने कलेक्टर के इस नवाचार का स्वागत किया है, वहीं मौके पर ही नामांतरण आदेश के साथ खसरा और नक्शा की अद्यतन प्रति मिलने पर प्रसन्नता भी व्यक्त की है।
नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये दो दिनों के तहसील स्तर पर आयोजित जुलाई माह के पहले शिविरों में निराकृत हुये कुल 4 हजार 082 प्रकरणों में से जबलपुर तहसील में 508, पनागर में 316, कुंडम में 167, शहपुरा में 256, पाटन में 113, कटंगी में 76, सिहोरा में 400, मझौली में 355, रांझी में 336, गोरखपुर में 607 एवं आधारताल तहसील में 948 प्रकरणों का निराकरण किया गया है । शिविरों में निराकरण के लिये लगभग पाँच हजार प्रकरण रखे गये थे । पारदर्शिता के लिहाज से इनकी सूची सबंधित एसडीएम द्वारा शिविरों के आयोजन के पहले ही सार्वजनिक कर दी गई थी । शिविरों में निराकरण से शेष रह गये प्रकरणों का भी आवेदकों द्वारा जरूरी दस्तावेजों पूर्ति किये जाने पर जल्दी ही निराकरण कर दिया जायेगा ।