देवास (हि.स.)। देवास जिले के सतवास में शनिवार को पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध हालत में मौत को लेकर गुस्साएं परिजन थाने का घेराव करने के बाद रविवार को भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी के नेता भी उनके साथ धरने पर बैठे हैं। परिजनाें ने 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है। इसके अलावा परिजन की मांग है कि मृतक के दो बच्चों के नाम पर 11 एकड़ जमीन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये। धरने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी शामिल हुए। उन्होंने पूरे थाना स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होती वे नहीं उठेंगे।
जानकारी के अनुसार मालागांव के रहने वाले मुकेश पुत्र गबूलाल लोंगरे (35) के खिलाफ एक महिला ने 26 दिसंबर को मारपीट और गाली-गलौज की शिकायत की थी। इसी मामले में पुलिस ने शनिवार दोपहर में मुकेश को हिरासत में लिया था। शाम को ही उसकी मौत हो गई। मुकेश के भांजे शिवराम ने पुलिस पर रिश्वत लेने और हत्या करने का आरोप लगाया। शिवराम का कहना है कि शनिवार शाम 4 बजे दो पुलिसकर्मी मामा को हमारे सामने लेकर गए थे। हमारे सामने ही उनके साथ मारपीट की गई। थाने पहुंचे तो एसएसआई सिद्धनाथ सिंह बैस ने 6 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। हम पैसे लेकर लौटे तो मामा को मृत हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था।
इधर, रविवार को मृतक के परिजन के साथ कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी के नेता थाने के सामने धरने पर बैठ गये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा परिजन के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। जीतू पटवारी ने थाना के स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग की। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरा थाना जब तक बर्खास्त नहीं होता मैं यहां से नहीं उठने वाला, चाहे पुलिस मुझे जेल में डाल दे। मैं वहां भी बिना कुछ खाए आमरण अनशन करूंगा। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने बताया कि ये मामला राहुल गांधी तक पहुंच गया है। उन्हीं के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस की ओर से मृतक के परिजन को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इससे पहले पुलिस ने कुछ परिजन और आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्ते के साथ थाने के अंदर बातचीत की। एडिशनल एसपी ने उन्हें समझाया कि हर स्तर पर जांच हो रही है। सतवास थाना प्रभारी आशीष राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। सारी कार्रवाई गाइडलाइन के अनुसार ही होगी। वहीं पुलिस, परिजन को शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए राजी करवाने में लगी है। परिजन को वो कमरा भी दिखाया गया जहां मुकेश ने फांसी लगाई थी। पुलिस ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए हैं। कमरा और वह खिड़की देखने के बाद परिजन असंतुष्ट दिख रहे हैं। उनका कहना है कि 5 फीट की खिड़की में फांसी लगाना संभव नहीं है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मृतक मुकेश लोंगरे के खिलाफ आर्म्स एक्ट, लड़ाई-झगड़े समेत अलग-अलग 6 केस दर्ज थे। उसका नाम आदतन बदमाश की लिस्ट में था। जिलाबदर की प्रक्रिया भी प्रस्तावित थी। बता दें कि मुकेश के परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार रात को भी थाने पहुंचकर हंगामा किया था। बाद में मामला बिगड़ते देख आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुलाया गया।