मध्यप्रदेश में वर्ष-2030 तक नवजात शिशु मृत्यु दर (NMR) को सिंगल डिजिट में लाने के लिये संकल्प परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश भोपाल में को-डेवलपमेंट वर्कशॉप का आयोजन किया गया। को-डेवलपमेंट वर्कशॉप में खरगोन जिले में प्रभावी रणनीतियों को लागू करने के लिए अनुसंधान आधारित कार्य योजना तैयार किए जाने के लिये मंथन किया गया।
इस पहल का उद्देश्य नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में कमी लाने के लिए एक प्रभावी मॉडल विकसित करना है। खरगोन जिले में विकसित इस मॉडल को पूरे मध्यप्रदेश में लागू किया जाएगा, ताकि वर्ष 2030 तक एनएमआर को सिंगल डिजिट में लाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
कार्यशाला का आयोजन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और संकल्प टीम के सहयोग से किया गया। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वर्कशॉप में शामिल हुए।
मिशन निदेशक, एनएचएम, मध्यप्रदेश, डॉ. सलोनी सिडाना, संकल्प परियोजना के प्रमुख सदस्य डॉ. रमेश अग्रवाल (प्रमुख अन्वेषक एवं प्रमुख, नियोनेटोलॉजी विभाग, एम्स दिल्ली), डॉ. दीपक चावला, डॉ. योगेश जैन, डॉ. आशु ग्रोवर, डॉ. आमलिन शुक्ला और आईसीएमआर के वैज्ञानिक, क्षेत्रीय और जिला स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारी, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर और जीएमसी खंडवा के बाल रोग एवं स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकीय संकाय तथा खरगोन जिले एवं ब्लॉक के अधिकारी वर्कशॉप में उपस्थित रहे।