विद्युत तंत्र के संचालन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले लाइन कर्मियों का ही सबसे ज्यादा शोषण किया जाता है, यहां तक की सरकार और बिजली कंपनी प्रबंधन के आदेशों की अवहेलना कर अधिकारी मनमानी पर उतारू रहते हैं और किसी तानाशाह की भांति व्यवहार करते हैं।
मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी बिजली कंपनियों के प्रबंधन को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि मध्यप्रदेश शासन एवं ऊर्जा विभाग के द्वारा सभी बिजली कार्मिकों को 35 वर्षीय उच्च वेतनमान दिए जाने के लिए आदेश जारी किया गया था।
जिसके बाद मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंधन को सर्कुलर जारी कर कहा था कि जिन बिजली कार्मिकों को नौकरी करते हुए 35 वर्ष हो चुके हैं, उन्हें चतुर्थ उच्च वेतनमान दिया जाए। हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली अधिकारियों एवं लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को चतुर्थ उच्च वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है, किंतु चार माह बीतने के बाद भी तकनीकी कर्मचारियों को चतुर्थ उच्च वेतनमान नहीं दिया जा रहा है, जिससे तकनीकी कर्मचारियों में अत्यधिक आक्रोश है।
संघ के राम समझ यादव, शंभूनाथ सिंह, अजय मिश्रा, वैदेही शरण, शशि उपाध्याय, अशोक पटेल, राजकुमार सैनी, मोहन दुबे, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, पीएन मिश्रा, अमीन अंसारी, जेपी त्रिपाठी, अरुण मालवीय, संदीप यादव, राहुल दुबे, अमित मेहरा, सुशील नामदेव आदि ने बिजली कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि तकनीकी कर्मचारियों को चतुर्थ उच्च वेतनमान दिए जाने के निर्देश दिए जाएं और इसे दिसंबर माह के वेतन में जोड़ा जाए।