इंदौर (हि.स.)। लोकायुक्त टीम ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय स्थित जनजाति विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारी को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपित महिला कर्मचारी द्वारा यह राशि विभाग के कार्यालय के लिए किराये पर लिए गए भवन के बकाया किराये के भुगतान के एवज में मांगी गई थी। लोकायुक्त टीम ने मामले में एक अन्य कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई की है।
जानकारी के अनुसार रानीबाग मेन खंडवा रोड निवासी विक्रम सिंह गेहलोत ने श्री कृष्णा एवेन्यू थर्ड फेज एबी रोड स्थित अपना हास्टल वर्ष 2015 से 2023 तक जनजातीय कार्य विभाग को किराए पर दिया था। यहां विभाग का जूनियर कन्या छात्रावास चल रहा था। 23 अप्रैल को गेहलोत ने हास्टल खाली करवा लिया था। विक्रम सिंह गेहलोत ने विभाग से किराया वृद्धि का एरियर करीब 11 लाख रुपये मांगा।
इस पर विभाग की सहायक ग्रेड-2 उमा मर्सकोले और क्षेत्रीय संयोजक विजय जायसवाल ने उस राशि में से 15 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में मांगी। रिश्वत मांगे जाने पर फरियादी विक्रम सिंह गेहलोत ने इसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में कर दी। शिकायत सही पाये जाने पर आरोपितों को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई गई।
लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को रिश्वत की राशि के साथ फरियादी को भेजा। जिस समय फरियादी आफिस पहुंचा तब क्षेत्रीय संयोजक कार्यालय में नही था। उसने कहा कि वह रुपये उमा मर्सकोले को दे दें। उमा ने ये रुपये अपनी सरकारी अलमारी में रख लिए। इसी दौरान लोकायुक्त की टीम पहुंच गई और रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया।