केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2023 से 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है, इस प्रकार वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया है। जबकि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 38 प्रतिशत ही मंहगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है। जो केन्द्र सरकार के कर्मचारियों से 4 प्रतिशत कम है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य शासन द्वारा परम्परा के विपरित मंहगाई भत्ते को घोषणा दिनांक से दिया जा रहा है, जबकि पूर्व में यह मंहगाई भत्ता केन्द्र सरकार द्वारा घोषित तिथियों से ही राज्य कर्मचारियों को एरियर्स सहित प्राप्त होता था। शासन के इस दोहरे मापदण्ड से प्रदेश के शासकीय निगम, मण्डल में कार्यरत लगभग 10 लाख कर्मचारियों में भारी आक्रोश एवं निराशा व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह मन्सूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सेन, मनीष चौबे, योगेन्द्र मिश्रा, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, श्यामनारायण तिवारी, शुभसंदेश सिंगौर, प्रमोद वर्मा, प्रणव साहू, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, प्रशांत शुक्ला, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, राकेश पाण्डे, मनीष शुक्ला, सुदेश पाण्डे, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, संजय साहू, विष्णु पाण्डे, संतोष तिवारी, महेश कोरी, वेदप्रकाश गुप्ता, बृजेश गोस्वामी, प्रियांशु शुक्ला आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि केन्द्रीय कर्मचारियों के समान राज्य कर्मचारियों के डीए में जनवरी 2023 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए एरियर्स सहित नगद भुगतान किया जाये।