जान का जोखिम उठा पोल पर चढ़कर करंट का कार्य कर उपभोक्ताओं के घरों को रोशन करने वाले लाइन कर्मियों को विद्युत वितरण कंपनी दोयम दर्जे का समझती है।
इन्हीं लाइन कर्मियों के भरोसे उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति का दावा करने वाला विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन लाइन कर्मियों पर आई आफत के दौरान मुंह फेर लेता है और कार्य के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए लाइन कर्मी साथियों की सहायता या साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज़ा लेकर अपना उपचार कराने मजबूर होते हैं।
मप्र विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि 21 सितंबर की दोपहर को जूनियर इंजीनियर के द्वारा कटनी के बरही क्षेत्र में लगे ट्रांसफार्मर की एलटी लाइन बर्स्ट हो गई थी। जिसे सुधारने का कार्य संविदा कर्मी मुन्ने लाल धुर्वे को सौंपा गया था।
संविदा कर्मी मुन्ने लाल धुर्वे के द्वारा बरही 33 केवी सब-स्टेशन से विद्युत सप्लाई बंद कराने के बाद एलटी लाइन केबिल सुधार रहा था। इसी दौरान अचानक बिजली सप्लाई चालू होने से संविदा कर्मी करंट की चपेट में आ गया।
करंट लगने से संविदा कर्मी का पेट, पीठ, गला एवं बाया हाथ बुरी तरह झुलस गया। कर्मी के साथियों ने उसे कटनी के अस्पताल पहुंचाया। जहां कर्मी का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया। जहाँ कर्मी का बर्न वॉर्ड के आईसीयू में उपचार चल रहा है।
तकनीकी कर्मचारी संघ के जेके कोष्टा, एसके मौर्या, रमेश रजक, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कस्यप, शशि उपाध्याय, अरुण मालवीय, इन्द्र पाल, संजय वर्मा, महेंद्र पटेल ने बताया कि संविदा कर्मी के उपचार में बहुत पैसा खर्च हो रहा है और कंपनी प्रबंधन ने अभी तक सहायता राशि नहीं दी है। कर्मचारी संघ ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी प्रबंधन से मांग की है कि घायल संविदा कर्मी को उपचार के लिए तत्काल सहायता राशि दी जाए।